शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) की जमानत पर आज भी फैसला नहीं हो सका। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अब 28 अक्टूबर की तारीख दी है। अरबाज मर्चेंट और आर्यन खान की तरफ से दलीलें दी जा चुकी हैं। मुनमुन धमेचा के वकील ने भी अपना पक्ष रखा। अब कल एनसीबी की तरफ से ASG अनिल सिंह जिरह (Anil Singh) करेंगे।आज अरबाज के वकील अमित देसाई ने कोर्ट में कहा कि आर्यन, अरबाज और मुनमुन सिर्फ ड्रग्स लेने के लिए आए थे, और कोई साजिश नहीं थी। उन्होंने कहा कि ड्रग्स (drugs ) सिर्फ पर्सनल यूज के लिए थी, इससे ज्यादा कुछ नहीं। वहीं मुनमुन के वकील अली काशिफ खान देशमुख ने कहा कि उनकी क्लाइंट ने कभी ड्रग्स नहीं ली।
आर्यन की गरफ्तारी का विरोध किया- रोहतगी
कोर्ट में आर्यन के वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने अरेस्ट मेमो दोबारा देखने की गुजारिश की। रोहतगी ने कहा- आर्यन को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया। इस केस की जांच उन्हें जमानत मिलने के बाद भी जारी रह सकती है।
आज सुनवाई की शुरुआत में अरबाज मर्चेंट के वकील अमित देसाई ने भी दलीलें पेश कीं। उन्होंने बिना नोटिस दिए आरोपियों की गिरफ्तारी को गलत बताया, वहीं पंचनामे पर भी सवाल उठाए।
इससे पहले मंगलवार को NCB ने आर्यन की जमानत का यह कहते हुए विरोध किया था कि बाहर आने पर वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। आर्यन के वकील रोहतगी ने NCB की पूरी थ्योरी को खारिज करते हुए उनको बेकसूर बताया है। मंगलवार को ही आर्यन के दोस्त अरबाज मर्चेंट के वकील ने भी अपनी दलीलें अदालत के सामने रखी थीं।
मुकुल रोहतगी रख चुके हैं ये बातें
मंगलवार को मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi)ने कोर्ट में कहा था कि उनके क्लाइंट के खिलाफ एनसीबी को कुछ नहीं मिला। उन्होंने ये भी दलील दी थी कि आर्यन के वॉट्सऐप चैट क्रूज पार्टी रेड से जुड़े नहीं बल्कि पुराने हैं। सिर्फ चैट्स के आधार पर उन्हें 20 दिन तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
बेल मिलने के खिलाफ एफिडेविट दिया- एनसीबी
एनसीबी ने सोमवार को आर्यन को बेल मिलने के खिलाफ एफिडेविट दिया था। इसमें लिखा था कि उन्हें शक है कि शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। यह हलफनामा गवाह प्रभाकर साइल के एनसीबी पर सनसनीखेज आरोप लगाने के संबंध में दिया गया था। एनसीबी की तरफ से कहा गया था। जांच अधिकारी वीवी सिंह ने हलफनामे में लिखा था इस अकेले मामले को देखकर ही आर्यन की बेल रिजेक्ट कर देनी चाहिए। वहीं बेल के विरोध में यह भी कहा गया था कि आर्यन प्रभावशाली हैं। वह सबूतों से छेड़छाड़ करके जांच प्रभावित कर सकते हैं। आर्यन का इंटरनैशनल लिंक सामने आया है। उनके ड्रग पेडलर्स से कनेक्शन पर जांच के लिए एनसीबी को और वक्त मिलना चाहिएय़।