बीएसएफ के सिपाही ने अपने ही चार साथियों को गोलियों से भूना, खुद भी किया सुसाइड

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बीएसएफ के सिपाही ने अपने ही चार साथियों को गोलियों से भूना, खुद भी किया सुसाइड

दिल्ली. पंजाब के अमृतसर के खासा में बीएसएफ मेस में गोली चलने से 5 की मौत हो गई। जानकारी के  मुताबिक, अपनी ड्यूटी से परेशान एक बीएसएफ जवान ने 6 मार्च को सुबह मेस में अपने साथियों पर तड़ातड़ गोली चलानी शुरू कर दी। इस घटना में अब तक बीएसएफ के 5 जवानों की मौत हो गई है, गोली चलाने वाले बीएसएफ जवान कॉन्स्टेबल सत्तेप्पा ने अपने साथियों को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली। इस घटना में गोली चलाने वाले सत्तेप्पा की भी मौत हो गई है।



समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि जिस जवान ने गोलीबारी की है, उसने खुद को भी गोली मार ली, और अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई है। करीब 10 जवान इस गोलीबारी में घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज जारी है। एक जवान की स्तिथि गंभीर बताई जा रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि घटना भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अटारी-वाघा सीमा क्रॉसिंग से करीब 20 किलोमीटर दूर खासा इलाके में बल के भोजनालय में हुई है।



जवान ड्यूटी से था परेशान: बताया जाता है कि गोली चलाने वाला जवान अधिक ड्यूटी से परेशान था और इसको लेकर शनिवार को उसकी बीएसएफ के एक बड़े अधिकारी से बहस भी हुई थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। रविवार सुबह ही उसे फिर से ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया था। जिसके बाद आज सुबह ही मेस में एकाएक जवान ने अपने साथियों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी।



गोली चलाने वाले बीएसएफ जवान का नाम सत्तेप्पा है। घटना होते ही मेस में अफरा-तफरी मच गई और सभी घायलों को तत्काल गुरु नानक देव हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया ,जहां डॉक्टरों ने 5 लोगों को मृत घोषित किया। बीएसपी के एक अधिकारी ने बताया कि घटना की जांच करने के लिए तत्काल कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।



144 बटालियन की घटना: बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि गोली चलाने वाले जवान ने गोली चलाने के लिए अपने ड्यूटी हथियार का इस्तेमाल किया और खासा मुख्यालय के जीएफ और ओआरएस बैरक में अपने सहयोगी जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। सूत्र ने बताया कि गोली चलाने वाले जवान ने 144 बटालियन के कमांडेंट सतीश मिश्रा के वाहन पर भी फायरिंग की। घटना सुबह 10:15 बजे हुई और पीड़ितों को सुबह 11 बजे एक निजी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।



घटना के बाद भारी पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच गए और सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जान गंवाने वाले जवानों में हेड कॉन्स्टेबल डीएस तोरसाकार, हेड कॉन्स्टेबल बलजिंदर कुमार, कॉन्स्टेबल रतन चांद भी शामिल हैं।


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