NEW DELHI. ज्ञानवापी मामला इन दिनों काफी सुर्खियों में है। अब सुप्रीम कोर्ट से मस्जिद पक्ष को बड़ा झटका लगा है। मस्जिद पक्ष की ओर से लगाई गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (3 नवंबर) को खारिज कर दिया है। मस्जिद पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट के बजाय किसी अन्य हाईकोर्ट को सौंपने के लिए याचिका दी गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। मस्जिद पक्ष की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी। ऐस में अब मामले की गेंद हाई कोर्ट के पाले में ही रहेगी। संभावना है कि दिसंबर से पहले इस मामले में बड़ा फैसला आ सकता है।
2021 से जारी है सुनवाई : ज्ञानवापी मंदिर को खोलने की मांग
मस्जिद पक्ष की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से 2021 से सुनवाई कर रही एकल-न्यायाधीश पीठ से वापस लेने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के प्रशासनिक फैसले को चुनौती दी गई थी। एकल-न्यायाधीश पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद वाली जगह पर एक मंदिर को खोलने की मांग करने वाले मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी गई थी।
कौन सी पीठ ने की सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा, हमें हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हाईकोर्टों में यह एक बहुत ही मानक प्रथा है। यह हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के दायरे में आना चाहिए।
8 नवंबर को हाई कोर्ट में होगी सुनवाई
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) एक एकल-न्यायाधीश पीठ से मामले को वापस लेने और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा इसे किसी अन्य पीठ को सौंपने को चुनौती दे रही है। याचिका खारिज करने से पहले सीजेआई ने मामले को स्थानांतरित करने के कारणों पर विचार किया और कहा कि वह इसे खुली अदालत में नहीं पढ़ना चाहते। 30 अक्टूबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने AIMC की याचिका पर सुनवाई 8 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी।