नई संसद... लोकसभा में 33% महिला आरक्षण के लिए बिल पेश, अभी निचले सदन में 82 महिला सांसद, कानून बनने के बाद 181 होंगी

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The Sootr
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नई संसद... लोकसभा में 33% महिला आरक्षण के लिए बिल पेश, अभी निचले सदन में 82 महिला सांसद, कानून बनने के बाद 181 होंगी

NEW DELHI. आज वो ऐतिहासिक दिन आ ही गया। गणेश चतुर्थी के पावन दिन आज (19 सितंबर) नए संसद भवन का ‘श्रीगणेश’ हो गया। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी सांसद और मंत्री पुराने भवन से पैदल पहुंचे। दोपहर 1.15 बजे सदन के लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू की। इससे पहले संसद की 96 साल पुरानी इमारत को विदाई देने के लिए पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबके साथ फोटो खिंचाई। इसके बाद तमाम सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे।

नए भवन में मोदी का 25 मिनट का संबोधन

पीएम मोदी ने नए भवन में अपने पहले संबोधन में महिला आरक्षण बिल लाने की बात कही। उन्होंने कहा, हमारी सरकार महिला आरक्षण बिल लाएगी। इसका नाम- नारी शक्ति वंदन अधिनियम होगा। मोदी अपनी 25 मिनट की स्पीच में 10 मिनट महिलाओं के मुद्दे पर बोले।

हंगामा : कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की

नए संसद भवन में महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर काफी हंगामा हुआ। इसके कुछ देर बाद 2.12 बजे कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल को पेश कर दिया। विपक्ष के सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। केंद्र सरकार का कहना था कि बिल को अपलोड कर दिया गया है। इस पर काफी देर हंगामा होता रहा।

मोदी ने कहा- भवन बदला है, भाव भी बदलेंगे

सदन में संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, अभी चुनाव तो दूर हैं और जितना समय हमारे पास बचा है। मैं मानता हूं कि यहां जो जैसा व्यवहार करेगा, यह निर्धारित करेगा कि कौन यहां बैठेगा, कौन वहां बैठेगा। जो वहां बैठे रहना चाहता है, उसका व्यवहार क्या होगा, इसका फर्क आने वाले समय में देश देखेगा। 'हमारा भाव जैसा होता है, वैसे ही कुछ घटित होता है। यद् भावं तद भवति...! मुझे विश्वास है कि भावना भीतर जो होगी, हम भी वैसे ही भीतर बनते जाएंगे। भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावनाएं भी बदलनी चाहिए। संसद राष्ट्रसेवा का स्थान है। यह दलहित के लिए नहीं है।'

आज की तारीख इतिहास में अमरत्व प्राप्त करेगी

मोदी ने कहा, कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई है। आज 19 सितंबर की यह तारीख इसीलिए इतिहास में अमृत्व को प्राप्त करने जा रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम

देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर महत्वपूर्ण निर्णय करने जा रहे हैं। महिलाओं के नेतृत्व में विकास के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश कर रही है। इस उद्देश्य से लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को विस्तार देना है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम इस माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं सभी माताओं, बहनों, बेटियों को आश्वस्त करता हूं कि हम इस विधेयक को अमल में लाने के लिए संकल्पित हैं।

करीब 30 सालों से अटका हुआ है महिला आरक्षण बिल

संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 30 सालों से अटका हुआ है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था। तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल अटका हुआ है।

सेंट्रल हॉल में सांसद हो गए भावुक

पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में अपने अनुभव साझा करते समय कुछ सांसद भावुक हुए, तो किसी ने इसे गौरव का पल कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का सेंट्रल हॉल हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। यहीं 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। बाद में संविधान ने भी यही आकार लिया।

मोदी बोले- नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे

पीएम मोदी ने कहा- आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में बैठने वाले हैं और ये बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहां बैठ रहे हैं। आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सेंट्रल हॉल में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर इसकी सहमति दी।

मोदी की 38 मिनट के संबोधन की बड़ी बातें...

मोदी ने 38 मिनट का संबोधन दिया। उन्होंने संसद भवन के इतिहास को संजोते हुए वर्तमान में चंद्रयान-3 और जी20 के सफल आयोजन की भी चर्चा की। मोदी ने अपने भाषण के शुरुआत में देशवासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में हम नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराकर फिर एक बार संकल्पबद्ध होकर और उसको पूर्ण करने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।

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