CDS बिपिन: कैसे देश के चीफ ऑफ डिफेंस बनें, क्यों आसान नहीं है रावत हो जाना?

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CDS बिपिन: कैसे देश के चीफ ऑफ डिफेंस बनें, क्यों आसान नहीं है रावत हो जाना?

दिल्ली. जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) भारत (India) के पहले और वर्तमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defense Staff) हैं। उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख (Chief of the Indian Army) थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे हैं।

रावत का उत्तराखंड से संबंध

बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड (Uttarakhand) के पौड़ी गढ़वाल जिले में राजपूत परिवार मे हुआ। ये परसई (परसारा) रावत है, जो गढ़वाल (उत्तराखंड) के चौहान राजपूतों की शाखा है। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से है। इनके पुर्वज मायापुर (हरिद्वार) से आकर गढवाल के परसई गांव मे बसने के कारण परसारा रावत कहलाये। रावत एक मिल्ट्री टाईटल है, जो विभिन्न राजपुतों को गढवाल के शासको द्वारा दिए गए थे। इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

रावत की शिक्षा

रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ली। जहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ़ ऑनर' दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ, यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एम.फिल, प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। उन्हें साल 2011 में सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया। 

शिक्षा की प्रमुख उपाधियां

•          बिपिन रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की है।

•          आई एम ए देहरादून में इन्हें 'सोर्ड ऑफ़ ऑनर' से सम्मानित किया गया था।

•          देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबन्ध अध्ययन में एम फिल की डिग्री।

•          मद्रास विश्वविद्यालय से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में भी एम फिल।

•          2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मीडिया अध्ययन में पीएचडी।

रावत की प्रमुख सैन्य सेवाएं

  • राजपूत परिवार में पैदा हुए रावत की कई पीढ़ी सेना में रही है।

  • जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई।
  • नेफा इलाके में तैनाती के दौरान उन्होंने बटालियन की अगुवाई की।
  • कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की।
  • 01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला।
  • 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला।
  • 1 जनवरी 2020 को  भारत के रक्षा प्रमुख पर पदस्थ हैं।
  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की भूमिका

    रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भारतीय सशस्त्रम सेनाओं के पेशेवर त्रि-सेवा प्रमुख और भारत सरकार के वरिष्ठतम वर्दीधारी सैन्य सलाहकार हैं। 24 दिसम्बर 2019 को भारत की सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस पद के सृजन की घोषणा की तथा जनरल बिपिन रावत को 1 जनवरी 2020 को भारत का प्रथम रक्षा प्रमुख बनाया गया।

    पहली बार 1999 में कारगिल समीक्षा समिति की सिफारिशों के माध्यम से कारगिल युद्ध के बाद आधिकारिक तौर पर सुझाव दिया गया था। यद्यपि भारत में एक लंबे समय से बात की गई स्थिति, 15 अगस्त 2019 को नई दिल्ली के लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधिकारिक कॉल को सार्वजनिक किया गया था। 24 दिसंबर 2019 को, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने औपचारिक रूप से स्थिति के निर्माण की घोषणा की। एक चार सितारा जनरल, एक त्रिकोणीय सेवा प्रमुख, जो रक्षा बलों का नेतृत्व करने के साथ-साथ अन्य भूमिकाएँ भी निभाएगा जैसे कि प्रमुख रक्षा मंत्रालय के अधीन सैन्य मामलों का विभाग।

    रावत को दिए गए प्रमुख सम्मान

    परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) ,भारत का एक सैन्य पुरस्कार है। इसका गठन 1960 में किया गया था। तब से आज तक, यह शांति के लिए और सेवा क्षेत्र में सबसे असाधारण कार्य सम्मानित किया जाता है। भारतीय सशस्त्र बलों सहित सभी रैंकों के लिए, प्रादेशिक सेना, सहायक और रिजर्व बलों, नर्सिंग अधिकारियों और अन्य सदस्यों के नर्सिंग सेवाओं और अन्य विधिवत् गठित सशस्त्र बल इस पदक के पात्र है।

    उत्तम युद्ध सेवा पदक युद्धकालीन उल्लेखनीय सेवा के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदत्त सैन्य सम्मान में से एक है। इसे परिचालन संबंधी उच्च स्तर की विशिष्ट सेवाओं के लिए दिया जाता है,"परिचालनात्मक संदर्भ" में युद्ध, संघर्ष या शत्रुता का समय शामिल हैं। यह युद्धकालीन सम्मान, अति विशिष्ट सेवा पदक के समकक्ष है, जो एक शांतिकालीन विशिष्ट सेवा सम्मान है। उत्तम युद्ध सेवा पदक मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।

    अति विशिष्ट सेवा पदक सशस्त्र बलों के सभी रैंकों के लिए भारत सरकार का एक सैन्य पुरस्कार है। यह पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किया जाता है। एक से अधिक बार यह पुरस्कार प्राप्त करने पर, पदक के साथ एक पट्टिका जोड़ दी जाती है।

    युद्ध सेवा पदक युद्धकालीन समय के दौरान प्रतिष्ठित सेवा के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित सैन्य सम्मान है। यह परिचालन संबंधी संदर्भ में जिसमें युद्ध, संघर्ष या शत्रुता के समय शामिल हैं। विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इस सम्मान के प्राप्तकर्ता को मरणोपरांत भी सम्मानित किया जा सकता है। यह सम्मान युद्घकालीन विशिष्ट सेवा पदक के समानांतर है, जो शांतिकाल का प्रतिष्ठित सेवा सम्मान है। 

    सेना मेडल जिसे संछेप में 'SM' कहा जाता है। भारत सरकार द्वारा भारतीय सेना के आग्रह पर सैनिकों को "ऐसी असाधारण कर्तव्य निष्ठा या साहस का परिचय देने वाले विशिष्ट कार्यों के लिए दिया जाता है, जो कि सेना के लिए विशेष महत्व रखते हों।"

    विशिष्ट सेवा पदक भारत सरकार द्वारा सशस्त्र बलों के सभी रैंकों के कर्मियों के लिए ,"विशिष्ट आदेश पर की जाने वाली असाधारण सेवा हेतु ", दिया जाने वाला सम्मान है। यह सम्मान मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है और एक से अधिक बार सम्मान प्राप्त करने पर रिबन पर एक 'बार' द्वारा अंकित किया जाता हैं। सम्मान के साथ "वीएसएम" का उपयोग करने का अधिकार नामपत्र के रूप में दिया जाता है। पदक मूलतः "विशिष्ट सेवा पदक, वर्गI" के रूप में स्थापित किया गया था। इसका नाम 27 जनवरी 1967 को अपने वर्तमान नाम पर रखा गया था। पदक का डिजाइन अपरिवर्तित रहा और केवल रिकॉर्डों पर ही ये परिवर्तन दिखाई दिया। 1980 से, युद्ध सेवा पदक,सैन्य परिचालन में असाधारण सेवाओं के लिए दिया जाने लगा। तब से वीएसएम को गैर-परिचालन सेवा तक सीमित कर दिया गया है।

    ऐड-डि-कैम्‍प एक फ्राँसीसी शब्द है जिसका अर्थ है युद्धभूमि में सहायक। सामान्यतः यह एक पदवी है जो सेना के उन वरिष्ठतम अधिकारियों को दी जाती है जो किसी राष्ट्राध्यक्ष, सेनाध्यक्ष, किसी उच्च सरकारी अधिकारी अथवा राजसी परिवार के सदस्य के लिए व्यक्तिगत सचिव, सहायक या सलाहकार आदि की भूमिका निभाते हैं। एसे अधिकारी अपने नाम के साथ सम्मानों की सूची के अन्त में एडीसी लिखते हैं। 

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    भारत India Uttarakhand उत्तराखंड Chief of Defense Staff चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत CDS General Bipin Rawat Chief of the Indian Army 5th Battalion of the Gorkha Rifles सीडीएस भारतीय थलसेना के प्रमुख गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन