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भारत ने मंगलवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का परीक्षण पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के विध्वंसक जहाज देश के पहले स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर यानी INS विशाखापट्टनम से किया गया। ये ब्रह्मोस मिसाइल समुद्र से समुद्र में वार करने की क्षमता रखती है। परीक्षण में ब्रह्मोस मिसाइल के समुद्र से समुद्र में हमला करने वाले वैरिएंट ने अपनी अधिकतम सीमा हासिल की और टारगेट को पूरी सटीकता के साथ ध्वस्त कर दिया।
Advanced sea to sea variant of BrahMos Supersonic Cruise missile was tested from INS Visakhapatnam today. Missile hit the designated target ship precisely. @indiannavy@BrahMosMissile#SashaktBharat#AtmaNirbharBharatpic.twitter.com/BbnazlRoM4
— DRDO (@DRDO_India) January 11, 2022
ब्रह्मोस मिसाइल के समुद्री वैरिएंट्स: समुद्र से दागने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के चार वैरिएंट्स हैं। पहला- युद्धपोत से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट, दूसरा युद्धपोत से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट। ये दोनों ही वैरिएंट भारतीय नौसेना में पहले से ऑपरेशनल हैं। तीसरा- पनडुब्बी से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट। सफल परीक्षण हो चुका है।चौथा- पनडुब्बी से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट।
क्या है इसकी खासियत: युद्धपोत से लॉन्च किए जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 200 किलोग्राम वॉरहेड ले जा सकती है। यह मिसाइल मैक 3.5 तक की अधिकतम गति हासिल कर सकती है। यानी 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार। इसमें दो स्टेज का प्रोप्लशन सिस्टम लगा है। पहला सॉलिड और दूसरा लिक्विड। दूसरा स्टेज रैमजेट इंजन है। जो इसे सुपरसोनिक गति प्रदान करता है। साथ ही ईंधन की खपत कम करता है।
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