बुल्ली बाई ऐप मामले में परत दर परत खुलासे हो रहे है। हाल ही में ऐप की मास्टरमाइंड 18 साल की युवती श्वेता सिंह को उत्तराखंड से अरेस्ट किया है। वहीं इस मामले में अब एक अहम खुलासा हुआ है। मुंबई पुलिस की माने तो आरोपी युवती श्वेता सिंह कथित तौर पर नेपाल में स्थित एक सोशल मीडिया के मित्र के इशारों पर काम कर रही थी।
नेपाली युवक के संपर्क में थी युवती
पुलिस जांच में सामने आया है कि श्वेता सिंह एक नेपाली युवक के संपर्क में थी। उसके संपर्क में आने के बाद ही उसने अपना ट्वीटर हैंडल का नाम बदला था। इसके बाद उसने एक जनवरी को महिलाओं की बुल्ली एप के जरिये बोली लगवाई थी। बताया जा रहा है कि इसके संपर्क में कुछ और लोग भी हो सकते हैं। इसकी पड़ताल में अब उत्तराखंड एसटीएफ भी जुट गई है।
नेपाल से मिल रहे थे निर्देश
जियाउ नाम का एक नेपाली लड़का ऐप पर की जाने वाली गतिविधियों के बारे में श्वेता को निर्देश दे रहा था। जानकारी के मुताबिक युवती पहले अपना इंफिनिट्यूड07 नाम से ट्वीटर हैंडल चलाती थी। नेपाली युवक ने ही उससे कहा कि वह यह इस अकाउंट की जगह अपना एक फेक अकाउंट बना ले।इसके बाद उसने अपने अकाउंट का नाम जाट खालसा7 रख लिया। इसी अकाउंट से उसने बुल्ली एप में समुदाय विशेष की महिलाओं की बोली लगवाई।
क्या वाकई गिरोह से जुड़ी है या फिर सिर्फ मोहरा
पुलिस जांच में पता चला कि महज 18 साल की श्वेता 12वीं के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। उसकी एक बड़ी बहन है। जबकि दो भाई बहन उससे छोटे हैं। पिता की कोरोना काल में मौत हो गई। मां कैंसर के चलते दुनिया छोड़ गई। घर का खर्च भी वात्सल्य योजना से चलता है। अब सवाल उठता है कि इतने बड़े मामले में क्या वाकई वो शामिल है या किन्हीं लोगों का यह मोहरा बनी है।