मुंबई पुलिस साइबर सेल ने 'बुल्लीबाई' ऐप मामले में बेंगलुरु के एक 21 साल केु युवक को हिरासत में लिया है। युवक इंजीनियरिंग का छात्र है। वह बुली बाई ऐप के पांच फॉलोअर्स में से एक बताया गया है।पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
दिल्ली पुलिस ने गिटहब से भी बुल्ली बाई बनाने वाले के बारे में जानकारी मांगी है।साथ ही ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म से इससे जुड़ा आपत्तिजनक कंटेट हटाने को कहा है।पुलिस ने ट्विटर से ऐप के बारे में सबसे पहले ट्वीट करने वाले अकाउंट हैंडलर के बारे में भी जानकारी मांगी है।
क्या है बुल्ली बाई मामला: 1 जनवरी 2022 के दिन एक महिला पत्रकार ने 'बुल्ली बाई' ऐप पर 'डील ऑफ द डे' बताकर बेची जा रही अपनी तस्वीर को शेयर किया। पत्रकार ने ट्विटर पर कहा, "यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है।" इस ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं "नीलामी" के लिए सूचीबद्ध की गयी थी, जिनकी तस्वीरों को बिना अनुमति से लिये उनसे छेड़छाड़ कर डाला गया।
ऐप के जरिए फैलाई जा रही नफरत: बुल्ली बाई नाम से एक ऐप सामने आया है। ऐप पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है। यहां उनके खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है और गंदी बातें लिखी जा रही है। दरअसल, बुल्ली बाई ठीक उसी तरह बनाया गया है जैसे कुछ दिन पहले सुल्ली डील्स बनाया गया था। सुल्ली डील्स को गिटहब पर लॉन्च किया गया था, अब बुल्ली बाई को भी गिटहब पर लॉन्च किया गया है।
बुल्ली बाई से पहले आ चुका है सुल्ली डील्स: बुल्ली बाई ऐप को सुल्ली डील्स का क्लोन बताया जा रहा है। पिछले साल जुलाई में सुल्ली डील को लेकर भी काफी विरोध किया गया था। सुल्ली वह टर्म है, जिसका इस्तेमाल दक्षिणपंथी और चरमपंथी मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने के लिए करते हैं। हालांकि, दोनों ही मामलों में किसी तरह की नीलामी को अंजाम नहीं दिया गया है, पर इन ऐप्स का मकसद मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करना, उन्हें शर्मिंदा करना और नीचा दिखाना है।