देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका 10 दिसंबर को पंचतत्व में विलीन हो गए। देशभर ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। 11 दिसंबर को उनकी दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने माता-पिता की अस्थियां हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर दीं।
हरिद्वार में होगा अस्थि विसर्जन
आज दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट से दोनों ने अपने माता-पिता की अस्थियां इकट्ठा कीं। इसके लिए कृतिका और तारिणी आज सुबह अंत्येष्टि स्थल पर पहुंची थीं। CDS रावत और मधुलिका की अस्थियों को कलश में रखकर लाल कपड़े से बांधा गया था। गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली कैंट में जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका को एक ही चिता पर दोनों बेटियों ने एक साथ मुखाग्नि दी थी।
नगरपालिका का मुख्य द्वार रावत के नाम होगा
दिल्ली की मेयर अनीता शर्मा ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि नगरपालिका भवन के मुख्य द्वार को जनरल रावत की स्मृति में समर्पित किया जाएगा। शर्मा ने कहा, ‘लोग लगातार चाह रहे हैं कि रावत की याद में किसी स्मारक, सड़क या स्कूल को समर्पित किया जाए। लोगों की भावना को देखते हुए हमने ये फैसला किया.’
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