रायपुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया। सरकारी अस्पताल में 7 साल की बच्वी की मौत हो गई। बेटी का शव ले जाने के लिए पिता एंबुलेंस मांगता रहा। व्यवस्था नहीं हुई तो कंधे पर ही शव लेकर 10 किमी पैदल घर पहुंचा। आरोप है कि नर्स के गलत इंजेक्शन देने के कारण बच्ची की मौत हुई। उधर, स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद BMO को पद से हटा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
किसका कलेजा मुंह को ना आ जाए
CG के सरगुजा में सरकारी अस्पताल में 7 साल की बच्ची की मौत
गुहार लगाने के बाद भी पिता को नहीं मिली एंबुलेंस
बेटी के शव को कंधे पर रखकर 10 किमी पैदल चल पड़ा पिता
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की कार्रवाई- BMO को हटाया pic.twitter.com/9AQGh9luLz
— TheSootr (@TheSootr) March 26, 2022
ये है मामला: घटना लखनपुर ब्लॉक की है। अमदला गांव के रहने वाले ईश्वर दास की बेटी की तबीयत दो दिन से खराब थी। उसे बुखार आ रहा था। परिजन उसे इलाज के लिए 25 मार्च की सुबह करीब 6 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर लेकर गए। इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। शव ले जाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस मांगी गई, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी नहीं मिली।
अस्पताल प्रबंधन टालमटोल करता रहा: बच्ची के पिता ईश्वर दास ने बताया कि उन्होंने शव वाहन के लिए अस्पताल प्रबंधन से कहा था, लेकिन वे आनाकानी करते रहे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नर्स ने उनकी बेटी को गलत इंजेक्शन दिया। इसके बाद उसकी नाक से खून बहने लगा और मौत हो गई।
CMHO को जांच के निर्देश: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि एक विचलित करने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक व्यक्ति कंधे पर शव लेकर ले जा रहा है। CMHO को जांच के आदेश दिए गए है। एंबुलेंस आने में देर हुई थी। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन की व्यवस्था के लिए कवायद तेज की जाएगी, ताकि इस तरह की घटना सामने दोबारा ना हो सके।
उधर, CMHO ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. पीएस केरकट्टा को उनके पद से हटा दिया है। उन्हें भेजे गए नोटिस में कहा कि बच्ची के परिजन को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराकर उन्होंने अपने काम में लापरवाही की है। सामने उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें।