CG के चीफ जस्टिस बोले- जो टैक्स लिया, वो कहां खर्च हुआ, ये जनता को जानने का हक

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Atul Tiwari
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CG के चीफ जस्टिस बोले- जो टैक्स लिया, वो कहां खर्च हुआ, ये जनता को जानने का हक

रायपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी नेर जनता से टैक्स वसूलने और खर्च करने को लेकर सरकार से सवाल किया है। हाईकोर्ट में 25 मार्च को शराब पर कोरोना सेस (अतिरिक्त टैक्स ) लगाने और उससे मिली रकम को अतिरिक्त मदों में खर्च किए जाने के मसले पर दायर याचिका की सुनवाई हुई। इस पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस गोस्वामी ने कहा- जनता को जानने का अधिकार है कि उनसे जो टैक्स लिया गया, वो कहां खर्च हुआ।





ये है मामला: छत्तीसगढ़ में देशी और विदेशी शराब पर प्रति बॉटल 10 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था। भूपेश बघेल सरकार ने 2 मई 2020 और 15 मई 2020 को नोटिफिकेशन जारी कर सेस लगाया था। यह बताया गया था कि इस अतिरिक्त शुल्क का उपयोग ग्रामीण इलाके में कोरोना को रोकने में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में होगा, जबकि शहरी इलाके में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें करीब 658 करोड़ की राशि इकट्ठा हुई। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इन्फ्रा डेवलपमेंट का दायित्व स्वास्थ्य विभाग था। बड़ी बात ये कि विभाग को राशि ही नहीं मिली। इतना ही नहीं, करीब 400 करोड़ खर्च भी बता दिया गया।





अभी क्या हुआ: बीजेपी के 3 विधायकों अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल और नारायण चंदेल ने वकील विवेक शर्मा, गैरी मुखोपाध्याय, अभिषेक गुप्ता और आयुषी अग्रवाल के जरिए याचिका लगाई। इस याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस गौतम चौराडिया ने की। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा- राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर विदेशी और देशी शराब पर 10-10 रुपए का सेस लगाया। इसके लिए तर्क दिया गया कि इसका उपयोग कोरोना से बचाव के लिए अधोसंरचना विकसित करने में होगा। 





चीफ जस्टिस गोस्वामी और जस्टिस गौतम चौराडिया ने याचिका पर तर्क सुने और राज्य सरकार को जवाब के लिए नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।



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