रायपुर. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस विधायक (खुज्जी) छन्नी साहू के मामले पर राज्य की राजनीति गरमा गई है। मामले की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी। सदन में छन्नी साहू ने शून्यकाल शुरू होते ही सदन से सवाल किया- मैं सदन की सदस्य हूं। मेरे सम्मान की रक्षा नही हो सकती तो बाकी का क्या कहें। क्या सदन ये नहीं जानना चाहता कि बीते 3 महीने से मैं कौन सी लड़ाई और क्यों लड़ रही हूं? इन्ही शब्दों के साथ छन्नी साहू ने पूरे घटनाक्रम को सदन को बताया। बेहद भावुक तरीके से कही गई पूरी बात में विधायक छन्नी साहू ने पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और पूरी कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा दिए।
छन्नी को विपक्ष का साथ: छन्नी साहू की बातों पर विपक्ष (बीजेपी) उबल गया। सदन में विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल और धर्मजीत सिंह ने कहा- जब हम सदन के सदस्य की रक्षा नही कर सकते तो आम नागरिक की क्या जवाबदेही है? बहुमत से सरकार मदांध हो जाए और विधायक पर ही खतरा हो गया है। जब सदस्य का मान नहीं तो इस सदन का मान कैसे होगा। विधानसभा सदस्य की सुरक्षा नहीं तो सदन की सुरक्षा कैसे होगी?
सदन में छन्नी साहू के भाषण देने के दौरान यह विषय भी सामने आया कि 9 मार्च को उन्हें सदन में आते वक्त रोका गया। इस मामले के सामने आते ही सदन में विपक्ष फिर उबल गया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आसंदी से कहा- विधायक को रोका गया, यह गंभीर मामला है। आपसे मांग करता हूं कि एसपी और कलेक्टर को सदन में बुलाया जाए।
स्पीकर ने दिया निर्देश: छन्नी साहू मामले पर विधानभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत बेहद नाराज हो गए। उन्होंने सरकार से दो टूक कहा कि विधायक छन्नी को दोगुनी सुरक्षा मुहैया कराई जाए और 11 मार्च को पूरे मामले की रिपोर्ट दें। इसके बाद ही कोई व्यवस्था दूंगा। महंत ने बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा को भी सुरक्षा उपलब्ध कराने और उनके विरुद्ध दर्ज मामले को लेकर भी रिपोर्ट तलब की है।
ये है मामला: बीते दिनों खुज्जी विधायक छन्नी साहू के पति पर आरोप लगे थे। इसके बाद छन्नी अपने पति को लेकर थाने गई थीं। उन्होंने अपनी सिक्योरिटी वापस कर दी थी। रायपुर में शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए छन्नी 150 किमी स्कूटी चलाकर पहुंची थीं। पूरे मुद्दे पर द सूत्र ने छन्नी से बात की थी, जिसमें उन्होंने सरकार से नाराजगी की बात कही थी।