रायपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने योगमाया मर्डर केस को सीबीआई को सौंपते हुए मामले की रिपोर्ट 4 महीने के भीतर देने को कहा है। हाईकोर्ट ने 26 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सीबीआई जांच से हत्याकांड में पूर्व में गिरफ्तार पांचों आरोपियो के कोर्ट ट्रायल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। परिजन ने याचिका में पुलिस की तफ्तीश पर सवाल उठाए थे। याचिका में घटना के कारण का खुलासा नहीं करने और अहम सबूतों की अवहेलना करने का आरोप लगाया।
क्या है मामला: 31 मई 2018 को महासमुंद के किशुनपुर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम योगमाया साहू, उनके पति चैतन्य साहू और दो बच्चे तन्मय और कुणाल के खून से लथपथ शव सरकारी घर में मिले थे। हत्या बेहद नृशंस तरीके से की गई थी। पुलिस ने 5 आरोपियो को हिरासत में लिया था। एक आरोपी का नार्को टेस्ट हुआ था, जिसके बाद चार अन्य आरोपियो को पकड़ा गया। परिजन ने पुलिस के बताई स्टोरी पर सवाल खड़े किए थे। परिजन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कहा कि घटनास्थल पर सीसीटीवी लगा था, जबकि पुलिस ने डीवीआर को लेकर तथ्य स्पष्ट नहीं किए। इसके साथ ही हत्या के कारण को लेकर सवाल और पुलिस के बताई कहानी पर संदेह जताया गया था।
कोर्ट ने ये कहा: याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सीसीटीवी डीवीआर को लेकर याचिका में दी गई दलील को अहमियत दी। हाईकोर्ट ने इस पर भी ध्यान दिया कि डीवीआर ली गई, पर जब्ती में उल्लेख नहीं किया। नार्को टेस्ट में यह तथ्य आया कि आरोपी रेप करने गए थे। वहीं, परिजन का यह भी सवाल है कि जिसे मुख्य आरोपी बताकर बाद में गिरफ्तार किया गया, उसी को प्रार्थी के रूप में FIR में दर्ज किया गया। बरसों से जेल में बंद आरोपियो को जमानत नहीं मिली है। इनका केस अब गवाही के स्तर पर है।
CG HC का आदेश- योगमाया हत्याकांड की जांच CBI करे, 4 महीने में रिपोर्ट दें
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