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नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज से अपने लखनऊ के सरकारी आवास पर जनता दरबार फिर से शुरू करेंगे। इससे आम आदमी अपनी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री के पास पहुंचा सकेगा। मुख्यमंत्री आवास पर लगने वाले जनता दरबार में वैसे तो सीएम योगी हर रोज नौ बजे से लोगों से मिलकर उनकी बातों को सुनते हैं। लेकिन अगर वो मौजूद नहीं हैं तो किसी मंत्री को इस काम में लगाया जाता है।
CM की जगह मंत्री भी संभालते हैं जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में राज्य के मंत्री अजीत पाल और बलदेव सिंह औलख जनता दरबार में शामिल होंगे। दरअसल योगी ने 2017 में मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद जनता दरबार की शुरूआत की थी। कोरोना महामारी के कारण इसे बंद कर दिया गया था।
जनता की सुनी जाती है हर समस्या
प्रदेश के सभी जिलों में जिला तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को जनता की हर प्रकार की समस्या को सुनने के लिए समय दिया गया है। अगर वहां पर पुलिस और प्रशासन के अफसर उनकी समस्या नहीं सुन रहे हैं तो फिर वह लोग सोमवार से लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर शुरू हो रही जनसुनवाई में पहुंच सकते हैं।
योगी हमेशा सुनते हैं समस्या
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री नहीं थे तब भी जनता दरबार लगाते थे और आमजन की समस्याएं सुनकर प्रशासन से उसका समाधान करवाते थे। तब वह गोरखपुर के सांसद थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी सीएम योगी का जनता दरबार चालू रहा। सोशल मीडिया के जरिए भी लोग उनसे मदद की गुहार लगाते हैं।