छत्तीसगढ़: सिंहदेव को मनाने में जुटी कांग्रेस, TS का मिलने से इंकार, बोले- जो कहेंगे CM ही कहेंगे

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छत्तीसगढ़: सिंहदेव को मनाने में जुटी कांग्रेस, TS का मिलने से इंकार, बोले- जो कहेंगे CM ही कहेंगे

रायपुर. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के विधानसभा से वॉक आउट करने के बाद से ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। पूरी कांग्रेस सिंहदेव को मनाने में जुटी हुई है। दो मंत्रियों ने सिंहदेव को मनाने की कोशिश की। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पुनिया ने सिंहदेव से फोन पर चर्चा करके उन्हें विधानसभा बुलाया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कमरे पर ढाई घंटे तक मंथन चला। सीएम से बैठक के बाद टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना। जो कहेंगे सीएम ही कहेंगे। मीटिंग के बाद सिंहदेव अपने बंगले पर चले गए। जहां उन्होंने किसी से भी मिलने से इंकार कर दिया।

CM, स्वास्थ्य मंत्री के बीच रार!

कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि मंत्री ने उनकी हत्या करवाने की कोशिश की थी। बृहस्पति ने FIR भी करा दी थी। 26 जुलाई को विधानसभा में इस पर जमकर हंगामा हुआ। 27 जुलाई को गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू सदन में बयान देने आए तो उन्होंने FIR की कॉपी पढ़कर सुना दी। इस पर विपक्ष भड़क गया कि मुद्दा वह है ही नहीं। इस बीच अचानक सिंहदेव खड़े हुए और बोले कि अब बहुत हो गया, जब तक सरकार उन पर लगे आरोपों पर जवाब नहीं देती, सदन में नहीं आऊंगा। इसके बाद वे विधानसभा के बाहर निकल गए। सिंहदेव ने यह भी कहा कि मेरे और मेरे चरित्र के बारे में यहां सभी जानते हैं। मेरे माता-पिता के व्यवहार और चरित्र से सभी परिचित हैं। उसके बाद भी ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।

राज्य के दो बड़े नेताओं के बीच कुछ ठीक नहीं

कांग्रेस आलाकमान के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल के साथ विधानसभा के मुख्यमंत्री कक्ष में ही बैठक ली, जिसमें सिंहदेव शामिल नहीं हुए थे। बाद में बुलावे पर वे आए। बैठक में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी वर्चुअली जुड़े थे। बैठक खत्म होने के बाद सिंहदेव ने मीडिया से सिर्फ इतना कहा कि कई बातें भविष्य के गर्भ में है, बाकी बात मुख्यमंत्री बताएंगे।

ये है मामला

रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह के काफिले की एक गाड़ी पर 24 जुलाई की रात को सरगुजा में पत्थर फेंके गए थे। गाड़ी के ड्राइवर और गार्ड से बदसलूकी हुई। आरोप है कि सिंहदेव के एक रिश्तेदार ने उनकी गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में ऐसा किया। घटना की जानकारी मिलते ही विधायक थाने पहुंच गए। ड्राइवर के बयान पर FIR लिखी गई। पुलिस ने तीन घंटे के भीतर 3 आरोपी गिरफ्तार कर लिए। बृहस्पत सिंह ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगा दिया कि सिंहदेव ने उन पर यह हमला कराया।

गृहमंत्री बोले- बृहस्पत पर हमला नहीं हुआ

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में बताया- विधायक बृहस्पत सिंह पर हमला नहीं हुआ। विधायक बृहस्पत 24 जुलाई की रात अंबिकापुर पहुंचे थे। फॉलो वाहन के पीछे छूट जाने की वजह से वे पायलट वाहन के साथ ही सर्किट हाउस पहुंच गए थे। रात 10 बजे के करीब पीछे आ रहे फॉलो वाहन के साथ पास में चल रही फोर्ड इंडेवर में बैठे कुछ लोगों के साथ साइड देने को लेकर विवाद हुआ। उन लोगों ने गाड़़ी को ओवरटेक कर रोका। ड्राइवर और सुरक्षाकर्मियों को गाली दी और तोड़फोड़ की। विधायक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। ड्राइवर की बयान पर तुरंत FIR करके सचिन सिंह देव उर्फ वीरभद्र सिंह, सोनू उर्फ संदीप रजक और धन्नू उरांव को गिरफ्तार किया गया।

मामला सुलझा लेंगे

सरकार के प्रवक्ता और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि सिंहदेव साहब की तरफ से कोई भी नाराजगी नहीं है। पूरा मामला सुलझा लिया जाएगा। वहीं, माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल की हुई बैठक में सिंहदेव और बृहस्पत सिंह के मामले का कोई भी समाधान नहीं निकला। क्योंकि सिंहदेव मंत्रिमंडल की बैठक से निकले तो उनके चेहरे पर नाराजगी साफ झलक रही थी।

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