नई दिल्ली/रायपुर. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में चल रहा विवाद दिल्ली पहुंचा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ 11 बजे से 3 घंटे बैठक हुई।बैठक में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया मौजूद रहे। बैठक के बाद पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास और जनहित की योजनाओं में तेजी लाने पर चर्चा हुई। राज्य में सत्ता परिवर्तन पर कोई चर्चा ही नहीं हुई।
पिछले महीने हुआ था विवाद
पिछले महीने विधानसभा के मॉनसून सत्र से ठीक पहले विधायक बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। इन आरोपों से सिंहदेव इतने दुखी हुए थे कि उन्होंने आरोपों के संबंध में सरकार की ओर से सफाई आए बिना विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था।
बाद में बृहस्पति ने आरोपों के लिए सदन में माफी मांगी। सरकार की ओर से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा- सिंहदेव पर लगाए गए आरोप निराधार थे। उसके बाद ही सिंहदेव वापस लौटे। उसके बाद सिंहदेव दिल्ली जाकर अपनी बात रख आए थे। इसके बाद ही राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को बुलाकर आमने-सामने बात करने का फैसला किया।
छत्तीसगढ़ में दिखा शक्ति प्रदर्शन
सत्ताधारी कांग्रेस के शक्ति केंद्रों में टकराव अब सभी को दिखने लगा है। अम्बिकापुर में जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन के उद्घाटन के दौरान यह स्पष्ट दिखा। सरगुजा के प्रभारी मंत्री के तौर पर लोकार्पण के लिए संगठन ने प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत को भेजा। टीएस सिंहदेव के समर्थकों ने वहां राजीव भवन का फीता पहले ही कटवा दिया।
ढाई-ढाई साल के CM पर सरगर्मी
प्रदेश सरकार में असल विवाद मुख्यमंत्री पद पर ढाई-ढाई साल के कार्यकाल को लेकर है। मुख्यमंत्री बघेल और सिंहदेव दोनों ऐसे किसी समझौते से फिलहाल इनकार कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा राजनीतिक दांव-पेंच से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की चर्चा को बल मिल रहा है।