छत्तीसगढ़ सरकार ने दी उत्खनन की अनुमति, उजड़ जाएगा सरगुजा का जंगल !

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
छत्तीसगढ़ सरकार ने दी उत्खनन की अनुमति, उजड़ जाएगा सरगुजा का जंगल !

याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ का सबसे समृद्ध वन क्षेत्र हसदेव अरण्य के परसा में राजस्थान को कोयला उत्खनन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति मिल गई है। बीते 6 अप्रैल को अनुमति का आदेश प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने जारी किया है। उत्खनन से जंगल उजड़ने का खतरा है।



अडाणी के पास उत्खनन का काम



राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित इस कोल ब्लॉक में उत्खनन का काम अडाणी के पास है। ग्रामीणों का इस उत्खनन को लेकर विरोध है और आंदोलन का लंबा इतिहास है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा अनुमति पत्र भले बीते 6 अप्रैल को जारी किया गया है लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दो दिनों के भीतर ट्वीट कर करीब महीने भर पहले सार्वजनिक कर दिया था कि उत्खनन के लिए अनुमति मिल गई है।



ग्रामीणों को लगा गहरा धक्का



परसा खदान को मिली इस अनुमति से उन ग्रामीणों को गहरा धक्का लगा है जो लगातार उत्खनन की अनुमति नहीं दिए जाने के पक्ष में थे। वहीं इस मसले पर ग्रामसभा के जरिए प्रस्ताव पास कर विरोध दर्ज किया था। ग्रामीणों का ये भी आरोप था कि फर्जी ग्रामसभा बनाकर उसे ही सत्य मानते हुए कार्रवाई कर दी गई। जबकि फर्जी ग्रामसभा को लेकर ग्रामीणों ने थाने समेत हर स्तर पर शिकायत की थी।



सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और NGT में याचिका



इस मसले को लेकर ग्रामीणों के साथ सक्रिय छत्तीसगढ़ बचाओ मंच के आलोक शुक्ला यह दावा कर रहे हैं कि ना केवल परसा बल्कि परसा ईस्ट के बासन खदान के दूसरे चरण को भी स्वीकृति दे दी गई है।आलोक शुक्ला ने सरकार के फैसले पर निराशा जताई है। आलोक शुक्ला ने कहा कि इससे जन समुदाय में भारी आक्रोश और सरकार के रवैये से घोर निराशा है। ग्रामसभा के संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है और करीब दस बरस के संघर्ष का भी। हम सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट और एनजीटी में याचिकाएं लगा रहे हैं।



राहुल गांधी बोले थे, जल-जंगल-जमीन नहीं हटेंगे



राज्य सरकार ने सरगुजा संभाग के सबसे समृद्ध जंगल के उजाड़ उत्खनन की अनुमति दे दी है। परसा के ग्रामीण अब भी आंदोलन पर बैठे हुए हैं। विदित हो कि हसदेव अरण्य में खनन परियोजना को अनुमति न दी जाए, इसे लेकर आंदोलित ग्रामीणों से 2018 में राहुल गांधी ने मदनपुर में मुलाकात की थी और आश्वस्त किया था कि, यदि सरकार आई तो किसी को भी जल, जंगल, जमीन से नहीं हटाया जाएगा। हसदेव अरण्य को बचाए जाने को लेकर विधानसभा में वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह 139 के तहत विषय ला चुके हैं।


छत्तीसगढ़ Chhattisgarh Raipur रायपुर Chhattisgarh Government छत्तीसगढ़ सरकार Cg छत्तीसगढ़ की खबरें अनुमति हसदेव अरण्य Hasdeo Aranya Excavation allowed उत्खनन