राजस्थान में बदलाव : मंत्रियों को बाहर करेगा 'कामराज प्लान' 10 अगस्त तक साफ होगी तस्वीर

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राजस्थान में बदलाव : मंत्रियों को बाहर करेगा 'कामराज प्लान' 10 अगस्त तक साफ होगी तस्वीर

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच चल रही खींचतान मिटाने के साथ ही हाईकमान का फोकस अब संगठन को मजबूत बनाने पर भी है। राजस्थान को लेकर कांग्रेस हाईकमान के पास फीडबैक पहुंचा है कि अगले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी तभी टिक सकती है, जब संगठन को ग्रास रूट से लेकर प्रदेश लेवल तक सिंक्रोनाइज किया जाए। इसके लिए कुछ मंत्रियों से इस्तीफे दिलवाकर उन्हें संगठन के काम में लगाने का सुझाव दिया है। इस दायरे में 8 मंत्रियों के नाम शामिल हैं। हालांकि कुछ मंत्रियों ने तो खुद आगे बढ़कर संगठन में काम करने की इच्छा जताई है।

लिया जा चुका है फीडबैक

प्रदेश प्रभारी अजय माकन विधायकों और पदाधिकारियों का फीडबैक लेकर जा चुके हैं। प्रभारी अजय माकन ने पिछले सप्ताह 2 दिन तक विधायकों के साथ वन टू वन मंथन किया। उसका मकसद भी प्लान पर फीडबैक लेना ही था। इस फीडबैक में खराब काम वाले मंत्रियों पर विधायकों की राय की भी जानकारी हो गई। उधर, हरियाणा कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष और सोनिया गांधी की करीबी रहीं शैलजा भी अशोक गहलोत से मिल चुकी हैं। राजनीतिक जानकार इसे हाईकमान के स्पष्ट संदेश के रूप में देख रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि 10 अगस्त तक तस्वीर साफ होगी। इसमें जो फॉर्मूला होगा वह 'कामराज प्लान' के तहत होगा।

कांग्रेस को चाहिए फुलटाइम अध्यक्ष

इस फीडबैक से यह भी साफ हो गया है कि बहुत से मंत्रियों का काम खराब है। ग्राउंड पर पार्टी वर्कर हताश हैं। कांग्रेस हाईकमान इस स्थिति को बदलना चाहता है। एक व्यक्ति एक पद के फॉर्मूले के अलावा आगे संगठन का काम बढ़ने वाला है। प्रदेशाध्यक्ष को फुल टाइम संगठन पर ही फोकस करने का टास्क दिया जा सकता है।हरीश चौधरी, राजस्व मंत्री खुद संगठन में काम करने की इच्छा जता चुके हैं। कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव रहते हुए पंजाब के प्रभारी रहे। इससे मौजूदा विवाद भी कम होंगे। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास जयपुर में बड़े जनाधार वाले नेताओं में शामिल हैं। आक्रामक और बेबाक शैली में पार्टी का मीडिया में बचाव करते हैं। विपक्ष में रहते हुए जिलाध्यक्ष रहकर संगठनात्मक क्षमता का परिचय भी दे चुके हैं। अब फिर से संगठन में भेजे जा सकते हैं।

आखिर क्या है कामराज प्लान

कांग्रेस के दिग्गज नेता और तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे के कामराज ने 1962 के बाद कमजोर हुई कांग्रेस को मजबूत करने के लिए एक प्लान दिया था। उस वक्त के केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से इस्तीफे दिलवाकर उन्हें कांग्रेस संगठन में काम करने का सुझाव दिया। इसे कामराज प्लान के नाम से जाना गया। उस वक्त खुद कामराज ने भी तमिलनाडु के सीएम पद से इस्तीफा दिया था। साथ ही कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी इस्तीफे दिए थे। कांग्रेस संगठन को मजबूत करने वाले के कामराज प्लान की समय— समय पर चर्चा चलती रहती है। प्रभारी अजय माकन ने इसके संकेत भी पिछले दिनों दिए थे। 31 जुलाई को अजय माकन ने कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक के बाद कहा था कि बहुत से मंत्री खुद पद छोड़कर संगठन में काम करने के इच्छुक हैं।

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