NEW DELHI. विधानसभा चुनाव में अपनों की नाराजगी कहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में भारी न पड़ जाए, कहीं मोदी को हराने की रणनीति पर पानी न फिर जाए... ऐसी बातों को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल मंथन में जुटे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी का असर तेजी से दिखने लगा है। उनके बयान के बाद कांग्रेस अब डैमेज कंट्रोल में जुटते हुए मनाने की कोशिश कर रही है। मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार के सीएम और जेडीयू नेता नीतीश कुमार से फोन पर बात की है। दोनों के बीच I.N.D.I.A अलायंस की अगली रणनीति के बारे में चर्चा हुई। राजनीतिक सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने नितिश को भरोसा दिलाया है कि वे सीटों को लेकर मन में कोई संशय नहीं रखें और धैर्य रखें।
कांगेस को बताया जिम्मेदार?
हाल ही में नीतीश कुमार ने खुले तौर पर एक मंच से कांग्रेस पर खुलकर नाराजगी जताई थी। नीतीश ने अलायंस के कमजोर होने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। उसके बाद कांग्रेस की तरफ से पहले की गई और अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जा रही है।
‘गठबंधन में कोई काम नहीं हो रहा, कांग्रेस चुनावों में व्यस्त'
मालूम हो, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार (2 नवंबर) को गठबंधन को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, आजकल गठबंधन का कोई काम नहीं हो रहा है। कांग्रेस पार्टी इस पर ध्यान नहीं दे रही है। वो 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव मे व्यस्त है। जद (यू) नेता की यह टिप्पणी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की एक रैली में आई थी, जिसका विषय था 'भाजपा हटाओ देश बचाओ'।
अलायंस अहम... लेकिन कांग्रेस का पूरा ध्यान विधानसभा चुनावों पर
खड़गे ने नीतीश को फोन पर बताया कि I.N.D.I.A. अलायंस कांग्रेस के लिए भी अहम है, लेकिन फिलहाल कांग्रेस का ध्यान 5 राज्यों के चुनावों पर है। इन 5 राज्यों के चुनावों के बाद गठबंधन की रणनीतियों और संयुक्त रैलियों पर फोकस करेंगे।
नीतीश से मिलने पहुंचे लालू और तेजस्वी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शुक्रवार (3 नवंबर) की शाम को सीएम आवास पहुंचे। यहां 40 मिनट तक नीतीश से लालू यादव की मुलाकात हुई। शाम 6:30 बजे मुलाकात कर लालू और तेजस्वी वापस लौटे। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। सीट शेयरिंग को लेकर भी बात होने की खबरें सामने आई हैं। लालू और तेजस्वी भी नीतीश कुमार के बयान के बाद मिलने पहुंचे थे।
जताई चिंता : बैठक तभी बुलाएंगे जब चुनाव हो जाएं
इससे पहले रैली में सीपीआई महासचिव डी राजा जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में नीतीश कुमार ने कहा, मौजूदा सरकार का विरोध करने वाली पार्टियां नया गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आई थीं, लेकिन हाल ही में उस मोर्चे पर बहुत प्रगति नहीं हुई है। कांग्रेस पार्टी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में ज्यादा व्यस्त नजर आ रही है। गठबंधन में हम सभी कांग्रेस को प्रमुख भूमिका सौंपने पर सहमत हुए थे, लेकिन यह ऐसा प्रतीत होता है कि वे अगली बैठक तभी बुलाएंगे जब चुनावों को पूरा कर लेंगे।
मप्र की सीटों को लेकर विपक्षी दलों ने भी उतारे उम्मीदवार
नीतीश कुमार ने ही विपक्षी गठबंधन की पहल की थी और जून में सबसे पहले पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में नए गठबंधन को लेकर माहौल तैयार किया गया था। नीतीश कुमार के जाने के बाद डी राजा ने उनकी पहल की सराहना की। सीपीआई महासचिव ने नीतीश की चिंताओं से सहमति जताई और सीट बंटवारे में कठिनाइयों पर अफसोस जताया। दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधानसभा चुनाव लड़ रही है और मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन, सीट बंटवारे पर बात नहीं बनने से जेडी (यू) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी जैसे सहयोगी दलों ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
डी राजा मैदान में उतरे, बोले-कांग्रेस को जिम्मेदारी का एहसास हो
डी राजा ने कहा, हमने कांग्रेस नेतृत्व से बात की है। अपने विचार से अवगत कराया है कि भारत में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और छोटे सहयोगियों के प्रति ज्यादा उदार होना चाहिए, हालांकि गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर समस्याएं सुलझी नहीं हैं।
दावा : जनता का मूड भाजपा के खिलाफ
सीपीआई नेता ने कहा, फिलहाल इन छोटे मतभेदों ने हमारी राजनीतिक सोच को धूमिल नहीं किया है। हमें मिलकर लड़ना है और भाजपा को सत्ता से बाहर करना है। हम अगले साल लोकसभा चुनाव में सफल होंगे। उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर सर्वे में यह स्पष्ट है कि जनता का मनोदशा बीजेपी के खिलाफ है। उन्होंने कहा, जनता का यह मनोदशा विधानसभा चुनावों के नतीजों में दिखाई देगा और हम लोकसभा चुनावों में भी इस गति को ऐसे ही बरकरार रखेंगे।