नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने चिट्ठी (Letter) लिखी है। मोदी ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को वापस लेने का ऐलान किया था, इसे कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष किसानों की जीत (Farmer's Victory) और सरकार की हार (Govt Defeat) बताया था। प्रियंका ने दो पेज की अपनी चिट्ठी में लिखा कि अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है, तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के साथ डीजीपी कॉन्फ्रेंस में मंच पर विराजमान मत होइए, उनको बर्खास्त कीजिए।
प्रियंका का लेटर
प्रियंका ने मोदी को लिखे लेटर में लखीमपुर की घटना का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री जी,
अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है, तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के साथ डीजीपी कांफ्रेंस में मंच पर विराजमान मत होइए, उनको बर्ख़ास्त कीजिए।कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi का पीएम मोदी को पत्र। pic.twitter.com/dVNoGSMski
— Congress (@INCIndia) November 20, 2021
सरकार लखीमपुर के आरोपी को बचाने में जुटी- प्रियंका
प्रियंका ने लिखा- मैंने अखबारों में पढ़ा कि आप लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस (DGP Conference) में देश में कानून व्यवस्था संभालने वाले अधिकारियों से चर्चा करेंगे। लखीमपुर किसान नरसंहार (Lakhimpur Homicide) में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता (Cruelty) ने पूरे देश ने देखा। आपको ये जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में यूपी सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।
‘700 से ज्यादा शहीद किसानों का अपमान ना करें’
प्रियंका ने ये भी लिखा- मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजन से मिली हूं। वो असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजन के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है। लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। आपके गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं। यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा (Share) करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। ये किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से ज्यादा किसानों का अपमान होगा।
क्या है मामला?
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Dy CM Keshav Prasad Mourya) की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था। तभी तीन गाड़ियों के काफिले ने किसानों को कुचल दिया। इस हादसे में चार किसानों और एक पत्रकार की मौके पर मौत हो गई थी। गुस्साई भीड़ ने 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला था।
आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष की मौजूदगी में गाड़ियों ने किसानों और पत्रकार को कुचला था। इसके साथ ही आरोप है कि बीजेपी नेताओं की ओर से फायरिंग भी की गई थी। इस मामले में लखीमपुर पुलिस ने आरोपी आशीष और उनके करीबियों को गिरफ्तार कर लिया था। प्रियंका को लखीमपुर पहुंचने के पहले हिरासत में ले लिया गया था। गेस्टहाउस में नजरबंद रखा गया। बाद में उनकी गिरफ्तारी हुई। इसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका दोनों लखीमपुर पहुंचे थे।