कोलकाता. पश्चिम बंगाल में 3 सीटों (भवानीपुर, समसेरगंज और जंगीपुर) पर हो रहे उपचुनाव (By Election) में 30 सितंबर को वोट डाले गए। सबसे बड़ा मुकाबला भवानीपुर का माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में हारने के बाद यहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) मैदान में हैं। बीजेपी (BJP) ने यहां से प्रियंका टिबरेवाल (Priyanka Tibrewal) को उतारा है। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता को ये चुनाव जीतना जरूरी है। नतीजे 3 अक्टूबर को आएंगे।
प्रियंका का तृणमूल पर आरोप
भवानीपुर में उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल की ओर से टीएमसी (TMC) पर गंभीर आरोप लगाया गया है। प्रियंका टिबरेवाल का कहना है कि टीएमसी विधायक मदन मित्रा (Madan Mitra) ने जबरदस्ती वोटिंग मशीन को बंद किया है, बूथ कैप्चरिंग की कोशिश की जा रही है। क्योंकि अगर लोगों ने वोट डाले तो उनकी मर्जी का नतीजा नहीं मिलेगा।
Madan Mitra (TMC MLA) has purposely shut the voting machine here as he wants to capture the booth: Priyanka Tibrewal, BJP candidate for Bhabanipur by-poll at polling booth of ward number 72 pic.twitter.com/lFB5hQytTY
— ANI (@ANI) September 30, 2021
प्रचार में आरोप-प्रत्यारोप, धक्कामुक्की सब हुई
चूंकि सीएम ममता बनर्जी खुद मैदान में हैं, लिहाजा प्रचार के दौरान काफी गहमागहमी रही। 27 सितंबर को बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इस दौरान बीजेपी नेता दिलीप घोष पर हमला किया गया। बीजेपी ने तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया। घोष ने निर्वाचन आयोग से राज्य में उपचुनाव टालने की मांग की थी।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि चुनाव घोषणा होते ही हम जब से चुनाव प्रचार में गए, कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। हम एक बस्ती में घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे, प्रचार पूरा हुआ तो हमारे ऊपर हमला हुआ। अगर हमारे जैसे नेता पर हमला होता है तो सामान्य लोग घर से निकल कर वोट करेंगे, इसकी उम्मीद नहीं है। निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है, इसलिए चुनाव रद्द करें। टीएमएसी के कार्यकर्ताओं पर दिलीप घोष के साथ धक्कामुक्की करने का भी आरोप लगा। इस दौरान दिलीप घोष के सुरक्षाकर्मियों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर बंदूक तान दी। हालांकि, दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को शांत कराया गया।
चुनाव हारने वालीं ममता तीसरी मुख्यमंत्री
विधानसभा चुनाव में ममता नंदीग्राम से चुनाव लड़ी थीं और बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से 1956 वोटों से हार गई थीं। इसलिए 6 महीने में उन्हें विधानसभा का चुनाव जीतना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर सीएम का पद छोड़ना पड़ेगा। इसलिए ममता भवानीपुर से उपचुनाव लड़ रही हैं। ममता पश्चिम बंगाल की ऐसी तीसरी सीएम हैं, जो खुद चुनाव हारी हैं। इससे पहले साल 1967 में प्रफुल्ल चंद्र सेन और 2011 में बुद्धदेव भट्टाचार्य भी अपनी सीट नहीं बचा सके थे।