मणिपुर में गिरफ्तार 5 युवकों को छुड़वाने के लिए पुलिस थानों-अदालतों पर भीड़ का धावा, सुरक्षा बलों ने छोड़े आंसू गैस के गोले,10 घायल

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Pratibha Rana
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मणिपुर में गिरफ्तार 5 युवकों को छुड़वाने के लिए पुलिस थानों-अदालतों पर भीड़ का धावा, सुरक्षा बलों ने छोड़े आंसू गैस के गोले,10 घायल

Imphal. मणिपुर में हिंसा थमने के नाम नहीं ले रही है। गुरुवार (21 सितंबर) को भारी भीड़ ने अपने पांच युवकों की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशनों और अदालतों पर धावा बोल दिया। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और स्टंट बम दागे। इसमें 10 से अधिक लोग घायल हो गए। एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में शाम पांच बजे से कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी गई है। कई इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।

हाथों में तख्तियां लिए सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर

मालूम हो, मणिपुर में 3 मई 2023 की शुरुआत से ही जातीय हिंसा हो रही है। इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इंफाल में 16 सितंबर को पांच लड़कों की गिरफ्तारी के बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रदर्शनकारी पांच युवकों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर सड़क पर आ गए हैं। गुरुवार को छह स्थानीय क्लबों और मीरा पैबिस के आह्वान पर हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए। इन लोगों ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी में घुसने की कोशिश की। .

युवक बोला-हमारी रक्षा कौन करेगा

पोरोम्पैट में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हमारे पास गिरफ्तारी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि सरकार पांच युवकों को रिहा नहीं कर रही है। अगर ऐसे ही गांव के स्वयंसेवकों को गिरफ्तार किया गया तो मैतेई गांवों की कुकी उपद्रवियों से रक्षा कौन करेगा? पुलिस को इन्हें छोड़ना चाहिए।

महिलाओं का आरोप : सरकार ने आंखें बंद की

महिलाओं ने आरोप लगाया कि जब अत्याधुनिक हथियारों के साथ कुकी उपद्रवियों ने मैतेई गांवों पर हमला करना जारी रखा और राजमार्गों पर खुले तौर पर पैसे की वसूली की तब राज्य सरकार आंखें मूंदे रही।

सामूहिक गिरफ्तारी के बाद बढ़ा हंगामा

इंफाल पश्चिम जिले के मायांग इंफाल पुलिस स्टेशन और इंफाल पूर्वी जिले के एंड्रो पुलिस स्टेशन में भी भीड़ के घुसने की कोशिश की और सामूहिक गिरफ्तारी दी, जिससे हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती की।

सुरक्षा बलों ने छोड़े आंसू गैस के गोले

सुरक्षा बलों ने इन लोगों ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस के साथ हुई झड़प की घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द कर दी है। चप्पे-चप्पे पर भारी बल तैनात किया गया है।

ऑल लंगथाबल केंद्र यूनाइटेड क्लब्स कोऑर्डिनेटिंग कमेटी के अध्यक्ष युमनाम हिटलर ने कहा, सरकार गिरफ्तार किए गए पांच युवाओं को रिहा करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। इसके बाद स्वैच्छिक सामूहिक गिरफ्तारी आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया।

पांचों ने पुलिस कमांडो की वर्दी पहनकर लूटे थे हथियार

अतिरिक्त सचिव गृह एम प्रदीप सिंह ने कहा था कि 5 युवकों को विशेष पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियारों के साथ 16 सितंबर को गिरफ्तार किया था। वारदात के वक्त वे पुलिस कमांडो की वर्दी में थे। उनमें से एक पर UAPA लगाया गया है।

पुलिस ने एक बयान में कहा कि पांचों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

कर्फ्यू में ढील रद्द की, आवाजाही पर बैन लगाया

हिंसा के मद्देनजर गुरुवार शाम को राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी। इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार, 21 सितंबर को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी, जिसे शाम 5 बजे से वापस ले लिया गया है। आम जनता की आवाजाही पर बैन सभी क्षेत्रों में लागू किया गया है। इसी तरह के आदेश इंफाल पूर्वी जिले में भी लगाए गए हैं।

भाजपा विधायकों के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री का साइन नहीं

मणिपुर में हिंसा रोकने को लेकर भाजपा के 23 विधायकों ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रस्ताव में उन्होंने संकल्प लिया कि वे मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेंगे और जल्द ही दिल्ली जाकर केन्द्र सरकार से मणिपुर संकट का हल निकालने पर बात करेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

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