NEW DELHI. राज्यसभा में 3 अगस्त को एक्सप्रेस वे पर लगने वाले टोल टैक्स मुद्दे पर अहम चर्चा हुई। कई ऐसे एक्सप्रेस वे हैं जहां पर शहरों में ही टोल टैक्स बना दिए गए हैं और इस वजह से उन लोगों को भी टोल देना पड़ता है, जो एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल ना के बराबर करते हैं। इसी मुद्दे पर बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद को Father of Toll Tax बता दिया। एक तरफ उन्होंने ये समस्या यूपीए सरकार की देन बताया तो दूसरी तरफ अपना पुराना अनुभव भी शेयर किया।
ये बोले गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सौभाग्य से या दुर्भाग्य से मैं ही Father of Toll Tax हूं। मैंने ही इस देश में सबसे पहले टोल टैक्स का चलन शुरू करवाया था, जब 1995 से 1999 तक मैं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हुआ करता था, तब मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हुआ था। अब स्थिति दूसरी है, एक्सप्रेस वे तो हर जगह बन गए हैं, समस्या तो जगह-जगह बनते टोल टैक्स से पॉइंट से है।
प्रोसेस जल्द बदलेगी
गडकरी ने साफ किया कि सरकार इस प्रक्रिया को जल्द बदलने वाली है। उस नई प्रक्रिया में सिटी एरिया को हटाकर टोल टैक्स का पॉइंट बनाया जाएगा, जिससे उस शहर के लोगों पर टैक्स का भार ना पड़े। उन्होंने जानकारी भी दी कि अभी कोई 10 किलोमीटर ही एक्सप्रेस वे पर सफर करता है, लेकिन उसे टैक्स पूरे 75 किलोमीटर का देना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री इस चलन को सही नहीं मानते। उन्होंने ये जरूर कहा है कि ये समस्या पिछली सरकार की देन है, लेकिन वे इसे सही करने का भरोसा देते हैं।
मध्य प्रदेश में गडकरी की चिट्ठी से हड़कंप
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस (Chief Secretary Iqbal Singh Bais) को एक पत्र लिखकर ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) की चेकपोस्ट पर ट्रकों से होने वाली अवैध वसूली (illegal recovery) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रोक लगाने का आग्रह किया था। लेकिन प्रदेश में बीजेपी के नेता ही गडकरी के पत्र को ही फेक यानी झूठा बताया था। द सूत्र से बातचीत में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय (Union Ministry of Transport), नई दिल्ली में तैनात एक अफसर और नितिन गडकरी के नागपुर स्थित कैंप ऑफिस ने पत्र के असली होने की पुष्टि की थी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 16 जुलाई को ये पत्र मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को लिखा था और इस पत्र में लिखा कि मप्र के चेक पोस्ट पर वाहनों से अवैध वसूली की जा रही है.. इसे तत्काल रोका जाए.. ये पत्र जब सामने आया तो हड़कंप मच गया क्योंकि बीजेपी के ही केंद्रीय मंत्री ने बीजेपी की प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली को ही कठघरे में खड़ा कर दिया था।