New Delhi. त्योहारी सीजन में बाजार में खरीदारी बढ़ गई है। इस बीच बुधवार (1 नवंबर) को शुरू हुई तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर वित्तीय बाजार सहभागियों की पैनी नजर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान के बाद शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें आरबीआई अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के फैसले घोषणा करेगा। इसी के साथ रेपो रेट घटने या बढ़ने की खबर आएगी, जो त्याहार पर बाजार का रुख तय करेगी।
आरबीआई रेपो रेट को पहले की तरह रख सकता है: विशेषज्ञ
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि खुदरा महंगाई के बावजूद आरबीआई रेपो रेट को पहले की तरह रखते हुए उसमें कोई बदलाव नहीं करेगा। अगर ऐसा होता है तो मकान और गाड़ी की बिक्री में तेजी जारी रहेगी, क्योंकि मौजूदा ब्याज दरों पर मकान की खरीदारी में ग्राहक खुद को सहज महसूस कर रहे हैं। तभी चालू वित्त वर्ष में लिए जाने वाले खुदरा लोन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी हाउसिंग लोन की है।
5.5% तक रह सकती है चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर
देश में त्योहारी सीजन के दौरान हर तरह के वाहनों की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि त्योहारी सीजन में मकान और गाड़ी खरीदारी में और तेजी आएगी। मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक के बाद शुक्रवार को आरबीआई दरों की घोषणा करेगा।
अगस्त में रेपो रेट में नहीं हुआ था बदलाव
अगस्त में भी आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करते हुए उसे 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा था। चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.5 प्रतिशत तक रह सकती है। अगस्त की खुदरा महंगाई 6.8 प्रतिशत थी। सितंबर में इसमें कमी की संभावना है