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NEW DELHI. गोवा रेस्टोरेंट बार (Goa restaurant row) पर विवाद के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को बड़ी टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी रेस्टोरेंट की मालिक नहीं हैं, ना ही उन्होंने कभी उस रेस्टोरेंट को लेकर किसी लाइसेंस के लिए अप्लाई किया।
दिल्ली हाईकोर्ट में यह टिप्पणी जस्टिस मिनी पुष्कर्ण ने की। उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेटा डिसूजा को समन भेजा है। यह समन स्मृति ईरानी की तरफ से दायर मानहानि के केस पर भेजा गया है। ईरानी ने इन नेताओं को 2 करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेजा है।
हाईकोर्ट ने ये भी कहा
‘बचाव पक्ष (कांग्रेस) के लोगों ने अन्य कुछ लोगों के साथ मिलकर झूठी बातें कहीं। साथ ही साथ स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर निजी हमले भी किए। ऐसा करके स्मृति ईरानी की छवि को धूमिल करने का काम किया गया। असली तथ्यों का पता किये बिना बड़े आरोप लगा दिए गए।’
ये था मामला
- कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने 23 जुलाई को प्रेस वार्ता में कहा था कि एक मरे हुए व्यक्ति के नाम का गलत इस्तेमाल कर अपनी तिजोरियां भरने से ज्यादा बेशर्मी और क्या होगी? इनकी वाहियात और दोहरी मानसिकता आज पूरा देश देख रहा है।
स्मृति का पलटवार
स्मृति ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और दिग्गज नेता जयराम रमेश को जमकर घेरा था। उन्होंने कहा था कि दो अधेड़ उम्र के पुरुषों ने एक 18 साल की लड़की की इज्जत की धज्जियां उड़ाने का दुस्साहस किया है। उस लड़की का दोष यह है कि उस लड़की की मां ने 2014 और 2019 में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। जिस 18 साल की लड़की की इज्जत पर कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने आज हमला किया, उस लड़की का दोष यह है कि उसकी मां स्मृति ईरानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है। वो 18 साल की लड़की जो कॉलेज के प्रथम वर्ष में पढ़ती है, उसका दोष यह है कि उसकी मां ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी की 5,000 करोड़ की लूट के ऊपर प्रेसवार्ता की।