NEW DELHI. राष्ट्रीय राजधानी की शान कहा जाने वाला राजपथ अब कर्तव्य पथ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 सितंबर को शाम 7 बजे इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं। ये तीसरी बार है, जब इस सड़क का नाम बदला जा रहा है। ब्रिटिश दौर में इसे किंग्स वे कहा जाता था। 1961 में इसी किंग्स वे का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया। 61 साल बाद राजपथ को नया नाम कर्तव्य पथ मिला है।
आजादी से पहले राजपथ को किंग्स वे और जनपथ को क्वींस वे के नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता मिलने के बाद क्वींस वे का नाम बदलकर जनपथ कर दिया गया था, किंग्स वे राजपथ के नाम से जाना जाने लगा।
सेंट्रल विस्टा की कहानी
- सेंट्रल विस्टा की कहानी 111 साल पुरानी है। 1911 में ब्रिटिश राजा जॉर्ज पंचम ने बंगाल में बढ़ते विरोध के चलते राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली शिफ्ट कर दी गई।
राजधानी के लिए सेंट्रल विस्टा बनाने का जिम्मा ब्रिटिश आर्किटेक्ट हर्बर्ट बेकर और एडविन लुटियंस को मिला। 1931 में सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन हुआ। तब उसमें गवर्मेंट हाउस (अब राष्ट्रपति भवन), साउथ और नॉर्थ ब्लॉक, काउंसिल हाउस (अब संसद भवन), इंडिया गेट और किंग जॉर्ज स्टैच्यू (अब वॉर मेमोरियल) थे।
सेंट्रल विस्टा को नए सिरे से डेवलप करने वाला ये सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट को डॉ. बिमल पटेल ने डिजाइन किया था। उन्होंने 2020 में इसकी डिजाइन एक सेमिनार में शेयर की थी।
सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट के दौरान इन 6 बिल्डिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया- राष्ट्रपति भवन, हैदराबाद हाउस, वायु भवन, रेल भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल।
3 इमारतों का इस्तेमाल बदलेगा। नॉर्थ और साउथ ब्लॉक नेशनल म्यूजियम में बदल जाएंगे। वर्तमान संसद पुरातात्विक धरोहर बन जाएगी। इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA) जामनगर हाउस में शिफ्ट हो जाएगा।
संसद की नई बिल्डिंग, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति का नया आवास बनेगा। नया सेंट्रल सेक्रेटरिएट बनेगा, जहां सरकार के सभी मंत्रालय और उनके ऑफिस रहेंगे।