NEW DELHI. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने अपनी मांगों के समर्थन में 22 अगस्त को जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत की घोषणा की है। इसमें शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार समेत दूसरे राज्यों के किसान पहुंच रहे हैं। पड़ोसी राज्यों से भी हजारों की संख्या में किसानों के पहुंचने के बाद 21 अगस्त की शाम तक भी सिलसिला जारी रहा। एसकेएम के मुताबिक, महापंचायत में शामिल होने से किसानों को जहां रोका जाएगा, वहीं महापंचायत करेंगे।
राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि एक दिवसीय कार्यक्रम शांति और अनुशासन के साथ होगा। महापंचायत सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। पंचायत के समापन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस महापंचायत के आयोजन में किसी तरह का अड़ंगा डालने का प्रयास करती है तो इसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।
किसान नेताओं के पहुंचने के बाद सुबह नौ बजे किसानों का जत्था अलग-अलग जगहों से महापंयायत के लिए रवाना होगा। किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने बताया कि हरियाणा और पंजाब से आने वाले किसान कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) फ्लाईओवर के नजदीक से महापंचायत के लिए रवाना होंगे।
एसकेएम के संयोजक शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) के मुताबिक अपनी मांगों के समर्थन में अलग अलग राज्यों के पांच हजार से अधिक किसान पहुंचेंगे। जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण कार्यक्रम के लिए पुलिस से इजाजत मांगी गई है। दूसरे संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में किसान महापंचायत में देश के कई राज्यों के किसान शामिल होंगे। उनकी संख्या हजारों में होगी और दिल्ली में काफी किसान पहुंच चुके हैं। महापंचायत के लिए कूच करने से रोका गया तो वहीं महापंचायत करेंगे।
किसानों की प्रमुख मांगें
- लखीमपुर नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी हो।
धार्मिक स्थलों पर पहुंचे किसान
सुबह से ही नजदीकी शहरों से पहुंचने वाले किसान दिल्ली के धार्मिक स्थलों खासतौर पर पहुंच रहे हैं। किसानों का आरोप है कि ट्रेन से पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही कुछ किसानों को पुलिस ने रोक लिया। हालांकि, पुलिस ने कानून और व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए रोक लिया, फिर बसों से उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया गया। पिछले साल दिसंबर में किसान आंदोलन खत्म होने के करीब 8 महीने बाद किसानों का समूह एक बार फिर दिल्ली में अपनी मांगों के समर्थन में पहुंचा है। इसे देखते हुए सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बार्डर सहित जंतर मंतर के आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा में देश के अलग-अलग राज्यों के 65 से ज्यादा किसान संगठनों के प्रतिनिधि हैं।