DELHI. नूपुर शर्मा के मामले में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने एक बार फिर सुनवाई की है। नूपुर ने अपनी याचिका में कहा कि, जजों की टिप्पणी के बाद उन्हें और उनके परिवार को लगातार बलात्कार और हत्या की धमकियाँ मिल रही हैं। बता दें बीती बार हुई सुनवाई में दोनों जजों ने नूपुर पर पर बेहद तल्ख़ टिप्पणी की थी।
नूपुर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पाकिस्तान से कुछ लोगों ने नूपुर की हत्या की साजिश रची है, इस तरह की खबरें सामने आई हैं। वहीं पटना में पकड़े गए आतंकवादियों ने भी उनकी हत्या की साजिश रची थी। इस पर जस्टिस सूर्यकान्त ने कहा कि एक मिश्रित तरह का एप्लीकेशन दायर करने के बाद वो इन घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं।
जस्टिस सूर्यकान्त ने इस पर जोर दिया कि अगर नूपुर के जीवन पर खतरा है, और वे अलग-अलग जगह की यात्रा नहीं कर सकती हैं। तो वो कम से कम किसी एक जगह, दिल्ली हाईकोर्ट तो जा सकती हैं? हालांकि वकील ने बार-बार यह बात दोहराई किएक ही आरोप के लिए कई FIR दर्ज कर लिए गए हैं, ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी राहत प्रदान की है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “अनुच्छेद-21 के तहत ये समय की आवश्यकता है कि हम उनके जीवन और लिबर्टी की रक्षा करें।” नूपुर शर्मा ने अजमेर शरीफ दरगाह का खादिम सलमान चिश्ती द्वारा नूपुर शर्मा की हत्या की घोषणा करते हुए वीडियो जारी करने वाली घटना का भी जिक्र किया। कोलकाता पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि पहली प्राथमिकता ये है कि नूपुर शर्मा को वैकल्पिक व्यवस्थाओं तक पहुँच सुनिश्चित की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही रेस्पोंडेंट्स को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 10 अगस्त, 2022 की तारीख़ तय की। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक नूपुर शर्मा के विरुद्ध दर्ज सारे FIR के मामले में कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान किया। अगली सुनवाई में मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी ट्रांसफर किया जा सकता है।