भोपाल. एटीएस की टीम ने राजधानी से चार आतंकियों को दबोचा था। इनसे पूछताछ में एटीएस को कई अहम सुराग मिले हैं। ये चारों आतंकी तालिबान के फॉलोवर है। भोपाल में ये अपनी यूनिट तैयार करने की कोशिश कर रहे थे। इनका मकसद युवाओं को जेएमबी की छात्र शाखा इस्लामी शिविर से जोड़ने था। इसके लिए ये विभिन्न इलाकों की मस्जिदों में पहुंचकर समुदाय के युवाओं से मिलते थे, उन्हें संगठन की विचारधारा से प्रेरित करते थे। आतंकी अपने संगठन को बढ़ाने के लिए युवाओं को जिहादी साहित्य बांटते थे। उनका ब्रेनवाश करके अपनी यूनिट में शामिल करने की कोशिश करते थे। हालांकि आतंकी युवाओं का ब्रेनवाश करने में नाकाम रहे।
कोर्ट ने 24 तक रिमांड दी: 12 मार्च को एटीएस ने करोंद और ऐशबाग से चार आतंकियों को दबोचा था। ये आतंकी संगठन जमात-ए मुजाहिदीन (JMB) के सक्रिय सदस्य है। 14 मार्च को भोपाल की विशेष अदालत में इन्हें पेश किया गया। कोर्ट ने आतंकियों की रिमांड 24 मार्च तक बढ़ा दी है। कस्टडी में एटीएस ने आतंकियों से पूछताछ की। इन्होंने खुलासा किया वे दलालों को पैसा देकर बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुए। एटीएस भारत की उन पब्लिशिंग फर्मों की भी जानकारी जुटा रही है, जिन्होंने इनके लिए जिहादी साहित्य छापा है। आतंकियों ने युवाओं का ब्रेनवाश करने की कोशिश की। लेकिन वे किसी को प्रभावित नहीं कर पाए।
गृह मंत्रालय SIT बना रहा: SDPO नीरेंद्र शर्मा ने बताया कि भोपाल के निशातपुरा इलाके में आतंकियों ने जिहादी साहित्य बांटा है। जिहादी साहित्य के जरिए ही युवाओं का ब्रेनवॉश करने की कोशिश कर रहे थे। पूछताछ में सामने आया कि ये पूरा नेटवर्क बांग्लादेश से चल रहा था। अब एटीएस की टीम पश्चिम बंगाल दलालों को गिरफ्तार करने के लिए जाएगी। वहीं, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि एमपी के सभी जिलों की पुलिस को इस तरह के संदिग्ध लोगों की जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है। हम इसकी जांच के लिए SIT बना रहे हैं।