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BHOPAL. पत्तागोभी खाने से दिमाग में कीड़ा घुस जाता है। ये कीड़ा पत्तागोभी को उबालने से भी नहीं मरता। आपने ऐसी बातें कहीं न कहीं से जरूर सुनी होंगी। ये बातें सुनकर आपने पत्तागोभी खाना छोड़ भी दिया होगा, पर क्या ये वाकई सच है ? हम आपको इसकी पूरी हकीकत बता रहे हैं...
पत्तागोभी में होता है टेपवर्म
पत्तागोभी में टेपवर्म हो सकते हैं। कम पकी हुई या कच्ची पत्तागोभी खाने से ये आपके शरीर में चले जाते हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये पानी से धोने से भी खत्म नहीं होते हैं। सिर्फ पत्तागोभी ही नहीं, सारी पत्तेदार सब्जियां जो जमीन की सतह पर या अंदर भी उगती हैं, उन पर टेपवर्म हो सकते हैं। अगर कोई जानवर उन पत्तों पर यूरिन या मल त्यागता है तो टेपवर्म या उसके अंडे पत्तों पर रह जाते हैं। अच्छे से साफ नहीं किए जाने पर ये आपके शरीर में चले जाते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं।
दिमाग में कीड़े यानी न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस
दिमाग में कीड़े की बीमारी को न्यूरीसिस्टीसर्कोसिस कहते हैं। ये एक आम समस्या है। ये समस्या कच्ची या कम पकी पत्तागोभी खाने से होती है।
टेपवर्म क्या है ?
एक चपटे परजीवी कीड़े को टेपवर्म कहते हैं। ये जानवरों को संक्रमित करता है और उनकी आंतों में होता है। टेपवर्म जानवरों और इंसानों में संक्रमण फैलाते हैं। टेपवर्म आंतों में पोषक तत्वों को अवशोषित करता है और अंडे देता है। जब जानवर या इंसान मल त्याग करता है तो वो किसी और तक भी पहुंच सकता है।
पत्तागोभी को अच्छे से साफ करना उपाय
डॉक्टर्स के मुताबिक पत्तागोभी को खाना बंद कर देना इस समस्या का हल नहीं है। पत्तागोभी को अच्छी तरह से साफ करके ही खाना चाहिए। गाजर या फूलगोभी जैसी सब्जियों पर भी टेपवर्म हो सकते हैं, जो अच्छे से साफ नहीं करने पर आपके शरीर में पहुंच जाते हैं। ये ब्लड फ्लो के साथ आपके दिमाग तक भी पहुंच सकते हैं।
सब्जियों को कैसे साफ करें ?
आप सब्जियों को धोने के लिए हल्के गुनगुने पानी के साथ नमक या पोटैशियम परमैग्नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। पत्तागोभी या गाजर की ऊपरी परत को निकाल दें, क्योंकि इस पर ही टेपवर्म हो सकते हैं। इसके अलावा अगर आप मिट्टी के संपर्क में आते हैं तो अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।
दिमाग में कीड़े की बीमारी के लक्षण ?
टेपवर्म अगर शरीर में पहुंच जाते हैं तो वे आंतों में छेद करके नसों के जरिए दिमाग, लिवर और आंखों तक फैल जाते हैं। इनसे आपको पेट दर्द, डायरिया, मिर्गी के दौरे, कमजोरी, सांस फूलना, उल्टी और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती है। ऐसे लक्षण कई बार तुरंत और कई बार लंबे वक्त बाद दिखाई देते हैं।
क्या दिमाग में कीड़े की बीमारी का कोई इलाज नहीं ?
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी को दिमाग में कीड़े की बीमारी हो जाती है तो बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है। इसका पूरी तरह से इलाज हो जाता है और किसी तरह की सर्जरी की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसके इलाज के लिए कीड़े मारने, सूजन कम करने और मिर्गी कम करने की दवा दी जाती है।