अनंतनाग में लश्कर के दो आतंकी घिरे, तलाश के लिए लगाए गए ड्रोन और खोजी कुत्ते, अब भी सेना का एक जवान लापता

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Pratibha Rana
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अनंतनाग में लश्कर के दो आतंकी घिरे, तलाश के लिए लगाए गए ड्रोन और खोजी कुत्ते, अब भी सेना का एक जवान लापता

Srinagar. जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों में अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इसमें सेना और पुलिस के तीन अधिकारी शहीद हो गए। एक अन्य जवान लापता है। राजौरी में हुई मुठभेड़ में दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है तो वहीं अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच कल दोपहर से मुठभेड़ जारी है। अनंतनाग जिले के गाडोल में 3 से 4 आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सेना और पुलिस ने मंगलवार (12 सितंबर) शाम संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया था। आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाने के लिए सुरक्षाबल ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ले रहे हैं। 30 मार्च 2020 के बाद यह कश्मीर में तीन साल में सबसे बड़ा आतंकी हमला है।

लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी फंसे

अनंतनाग में हुई मुठभेड़ में कर्नल, मेजर और डीएसपी शहीद हो गए हैं, लेकिन जंगल में छिपे हुए आतंकी ज्यादा देर तक बच नहीं सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, कोकेरनाग इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी फंसे हुए हैं। लश्कर के दोनों आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया हुआ है। जंगल में चप्पे-चप्पे पर जाकर जवान उन्हें ढूंढ रहे हैं।

घेराबंदी में फंसा लश्कर कमांडर उजैर खान

इस बीच, कश्मीर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने बताया कि घेराबंदी में दो आतंकी फंसे हुए हैं। इनमें एक लश्कर कमांडर उजैर खान है। वह कोकरनाग के नागम इलाके का रहने वाला है और जुलाई 2022 में आतंकी बना था। आतंकियों को घेरा जा चुका है और जल्द ही वह मारे जाएंगे।

गडोल कोकरनाग में आतंकियों के छिपे होने की सूचना

बलिदानी कर्नल मनप्रीत सिंह और बलिदानी मेजर आशीष धौंचक का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके परिजनों के पास भेजे जार रहे हैं। पुलिस और सेना के एक संयुक्त कार्यदल ने मंगलवार की शाम को गडोल कोकरनाग में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर एक तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और डीएसपी हुमायूं बट बलिदानी हुए हैं।

एक पैरा कमांडो दस्ते को हेलीकॉप्टर से उतारा

आतंकियों के खिलाफ बुधवार की देर रात गए अभियान को स्थगित किया गया था, लेकिन घेराबंदी जारी रखी गई। सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी गडोल में डेरा डाले हुए हैं और खुद पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हें। संबधित अधिकारियों ने बताया कि सेना के एक पैरा कमांडो दस्ते को हेलीकॉप्टर से उस जगह उतारा गया है, जहां गत शाम को आतंकियों को देखा गया था। इसके अलावा आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ली गई है।

आज सुबह 15 मिनट तक सुरक्षाबलों-आतंकियों में गोलीबारी

गुरुवार (14 सितंबर) सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच लगभग 15 मिनट तक गोलीबारी होने की सूचना है। बताया जा रहा है कि आज सुबह जहां गोलीबारी हुई है, वह जगह बीते बुधवार के मुठभेड़स्थल से करीब दो किलोमीटर के फासले पर है। कुछ देर की गोलीबारी के बाद आतंकी वहां से भागने में कामयाब रहे हैं। उनका पीछा किया जा रहा है।

पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित रेजिस्टेंट फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। सेना के अफसरों का मानना है कि ये वही आतंकी हैं, जिनसे 4 अगस्त को कुलगाम के जंगल में मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए थे। कश्मीर में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर शहीद हुए थे।

शहीद डीएसपी हुमायूं भट की पिछ्ले साल हुई थी शादी

डीएसपी हुमायूं भट को बुधवार रात बड़गाम जिले में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। हुमायूं दक्षिण कश्मीर के त्राल के रहने वाले थे। उनकी पिछले साल ही शादी हुई थी। उनका दो महीने का बेटा है।

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