NEW DELHI. दिल्ली की आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 सितंबर को बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीम ने देशभर के 40 ठिकानों पर छापा मारा। ये छापे आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर के शराब कारोबारियों, वितरकों और आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क से जुड़े परिसरों पर मारे गए। इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ने देशभर के लगभग 45 स्थानों पर 6 सितंबर को तलाशी अभियान चलाया था।
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति सवालों के घेरे में है। बीजेपी ने इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर घोटाले का आरोप लगाया है। इसको लेकर सीबीआई भी मनीष सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर की तलाशी ले चुकी है। सिसोदिया ने ईडी की छापेमारी पर कहा था कि पहले इन्होंने सीबीआई के छापे मारे, इसमें कुछ नहीं मिला। अब ईडी के छापे मारेंगे, इसमें कुछ नहीं निकलेगा। देश में जो शिक्षा का माहौल बना हुआ है, अरविंद केजरीवाल जो काम कर रहे हैं, उसे रोकने का काम हो रहा है, लेकिन उसे रोक नहीं पाएंगे।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने सिसोदिया की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी
दिल्ली के एलजी ने सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। 8 जुलाई को यह रिपोर्ट भेजी गई थी। इसमें पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति पर सवाल उठाए गए थे। रिपोर्ट में एक्साइज पॉलिसी (2021-22) बनाने और उसे लागू करने में लापरवाही बरतने के साथ ही नियमों की अनदेखी और नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के आरोप हैं। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ टेंडर को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को टेंडर के बाद लाभ पहुंचाना भी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि शराब बेचने की वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने इन प्रावधानों की अनदेखी की।