NEW DELHI. अरविंद केजरीवाल सरकार की शराब नीति को लेकर छापेमारी का सिलसिला जारी है। 7 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली समेत हैदराबाद और पंजाब में 35 ठिकानों पर छापेमारी की। इससे पहले सितंबर महीने में ईडी की छापेमारी में अब तक शराब घोटाले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
शराब नीति मामले में लगातार कार्रवाई
28 सितंबर को ईडी ने समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था। ईडी की एफआईआर के मुताबिक, इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू ने कथित तौर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को करोड़ों में दो भुगतान किए गए थे, जो कथित रूप से आबकारी नीति बनाने और कार्यान्वयन में अनियमितताओं में शामिल शराब व्यापारियों में से एक थे। वहीं, सीबीआई की एफआईआर में आरोप है कि सिसोदिया के एक कथित सहयोगी अर्जुन पांडे ने एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व सीईओ विजय नायर की ओर से समीर महेंद्रू से करीब 2-4 करोड़ कैश लिए थे।
27 सितंबर को सीबीआई ने विजय नायर को गिरफ्तार किया था। वह एक एंटरटेनमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी के पूर्व सीईओ हैं। उनके ठिकानों पर ईडी ने भी छापेमारी की थी। नायर को इस कथित घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है।
सितंबर 2022 में दो बार छापे
16 सितंबर को ईडी ने 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें केवल हैदराबाद में 25 ठिकानों पर छापा मारा था। इसके अलावा शराब नीति घोटाले में ईडी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन से भी पूछताछ कर चुका है।
6 सितंबर को ईडी ने दिल्ली समेत कई राज्यों में 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु और पंजाब के शहरों में भी रेड की थी। जांच एजेंसी के निशाने पर शराब कारोबारी थे। ईडी की छापेमारी में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का घर शामिल नहीं था।
सिसोदिया को बनाया मुख्य आरोपी
शराब घोटाले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। उन्हें इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में उनसे लंबी पूछताछ भी की थी। सीबीआई टीम ने सिसोदिया के घर से सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए थे।