सुनील शुक्ला. देश में डिजिटल पेमेंट को आसान और सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने ई-रूपी लॉन्च किया है। ये एक तरह का प्री-पेड (पहले से भुगतान) वाउचर है। इसे भारत सरकार की नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डेवलप किया है। डिजिटल पेमेंट करने की ये सर्विस (सेवा) पूरी तरह से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस होगी। इस सेवा से सरकारी योजनाओं का आर्थिक लाभ सीधे संबंधित लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर ई-वाउचर के रूप में उपलब्ध होगा। सरकार का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी। इस सेवा को बड़े स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए कई बैंकों को e_RUPI सिस्टम से जोड़ा गया है। आइए जानते हैं, आखिर ई-रुपी पेमेंट सिस्टम क्या है और इससे लोगों को क्या और कैसे लाभ मिलेगा।
ई-रुपी क्या है?
ई-रुपी (e-RUPI) एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, इसे एसएमएस-स्ट्रिंग (sms) या क्यूआर (QR) कोड के जरिए योजना के लाभार्थियों के मोबाइल फोन से जोड़ा जाएगा। इसका उपयोग करने वाले लोग ई-रुपी स्वीकार करने वाले सभी संस्थानों में कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना ई-वाउचर से भुगतान करने में सक्षम होंगे। ई-रुपी को विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ एक विशेष उद्देश्य या गतिविधियों के लिए एसएमएस या क्यूआर कोड के माध्यम से जोड़ा जाएगा। कॉन्टेक्टलेस ई-रुपी आसान और सुरक्षित है क्योंकि इसमें लाभार्थियों की जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रहेगी।
ई-रुपी से किन योजनाओं को जोड़ा जाएगा?
ई- रुपी का उपयोग आयुष्मान भारत यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, खाद की सब्सिडी, महिला एवं बाल कल्याण और पोषण सहायता (nutritional support) से जुड़ी योजनाओं, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, और पोषण सहायता प्रदान करने के लिए योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है। इस ई-वाउचर के माध्यम से लेन-देन की पूरी प्रक्रिया अपेक्षाकृत ज्यादा तेज और विश्वसनीय होने का दावा किया जा रहा है, क्योंकि योजना से संबंधित विभाग लाभार्थी के उपयोग के लिए जरूरी राशि ई-वाउचर में पहले से ही डाल देगा।
ई-आरयूपीआई डिजिटल मनी है?
केंद्र सरकार पहले से ही देश में एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDM) विकसित करने पर काम कर रही है। ई- रुपी की शुरुआत को इसकी प्रारंभिक कड़ी माना जा रहा है। इससे सरकार को प्रस्तावित डिजिटल पेमेंट का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और कमियां समझने में मदद मिलेगी। हालांकि अभी ई-रुपी पेमेंट सिस्टम भारतीय रुपये पर ही आधारित होगी। कहा जाए तो यह अभी वाउचर आधारित पेमेंट के समान होगी। ई-रुपी सेवा को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए कई बैंकों को इससे (e-RUPI) सिस्टम से जोड़ा गया है। इनमें पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कई अन्य बैंक भी शामिल हैं।
ई-रुपी कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए भी लाभदायक
1. कॉर्पोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं के भुगतान के लिए ई-रुपी का उपयोग कर सकती हैं। 2. ई-वाउचर में राशि डालने से लेकर भुगतान होने तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल होने से भुगतान की व्यवस्था में लागत में कमी आएगी। 3.ई- वाउचर से निकाली जाने वाली राशि को जारीकर्ता द्वारा ट्रैक किया जा सकेगा। 4. ई-वाउचर का वितरण त्वरित, सुरक्षित और संपर्क रहित होगा।
ई-रुपी से अस्पतालों में लाभ
1. उपयोग में आसान और सुरक्षित है क्योंकि ई-वाउचर का उपयोग एक विशिष्ट सत्यापन (verification) कोड के माध्यम से ही अधिकृत है।2. संपर्क रहित भुगतान की प्रक्रिया क्योंकि ई-वाउचर से पेमेंट में नकद राशि या किसी प्रकार के कार्ड की जरूरत नहीं है। 3. तेज भुगतान की प्रक्रिया - ई- वाउचर को कुछ ही आसान चरणों में भुनाया जा सकता है और पूर्व स्वीकृत राशि के कारण अस्वीकृत भी नहीं होगा।
ई-रुपी से उपभोक्तताओं को लाभ
1. कॉन्टेक्टलेस वाउचर - उपभोक्ता को वाउचर का प्रिंट आउट लेने की जरूरत नहीं।2. आसान भुगतान - ई- वाउचर से सिर्फ दो आसान स्टेप में भुगतान हो जाएगा। 3. उपयोग में सुरक्षित - किसी भी भुगतान के लिए लाभार्थी को अपना व्यक्तिगत विवरण साझा करने की जरूरत नहीं होगी इसलिए पूर्ण गोपनीयता बनी रहेगी। 4. कोई डिजिटल एप या बैंक अकाउंट जरूरी नहीं- ई वाउचर से भुगतान के लिए उपभोक्ता के पास किसी तरह के डिजिटल पेमेंट ऐप या बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं है।