MVA पर संकट और गहराया, एकनाथ का उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका,  शिवसेना बागी गुट के नेता चुने गए शिंदे

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The Sootr CG
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MVA पर संकट और गहराया, एकनाथ का उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका,  शिवसेना बागी गुट के नेता चुने गए शिंदे

Mumbai. महाराष्ट्र में सियासी उठापटक जारी है।  शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायकों(rebel MLAs) के चलते अब महाविकास अघाड़ी (MVA ) सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray) के हाथ से कंट्रोल निकलता दिख रहा है. इस बीच 37 बागी विधायकों(37 rebel MLAs) ने एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) को अपना नेता मान लिया है. वहीं, एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) एक्शन में नजर आ रहे हैं। खुद को विधायक दल का नेता(legislature party leader) बताते हुए एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल और डिप्टी स्पीकर(Governor and Deputy Speaker) को चिट्ठी लिखी है जिसके बाद प्रदेश में सियासी अटकलों का बाजार और गर्म हो गया है। शिंदे ने ये चिट्ठी महाराष्ट्र के राज्यपाल (Governor), डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker) और विधानसभा सेक्रेटरी(assembly secretary) को चिट्ठी लिखी है। राज्यपाल और डिप्टी स्पीकर को लिखी गई चिट्ठी पर शिवसेना के 37 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। चिट्ठी में जिक्र किया गया है कि एकनाथ शिंदे को 31 अक्टूबर 2019 को विधायक दल का नेता चुना गया है और वो अब भी विधायक दल के नेता हैं। शिंदे गुट ने आम सहमति से सुनील प्रभु की जगह भरत गोगावले को अपना चीफ व्हिप न्युक्ति किया है।





आर-पार की तैयारी में शिंदे!





महाराष्ट्र के राज्यपाल और डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर और भरत गोगावले को चीफ व्हिप बनाकर एकनाथ शिंदे ने साफ कर दिया है कि अब आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. गोगावले ने दावा किया है कि उनके पास 46 विधायक का समर्थन है। एकनाथ शिंदे ने एक वीडियो जारी कर उद्धव ठाकरे को एक और नई चुनौती दी है. इसमें एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों से बातचीत करते नजर आ रहे है। उद्धव ठाकरे के खिलाफ उठी आवाज को ऐतिहासिक बता रहे हैं।





शिंदे समर्थक विधायकों की संख्या बढ़ी!





एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हमारे पीछे एक महाशक्ति है। जरूरत पड़ने पर वो शक्ति हमारा साथ देगी। हालांकि उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया है। इस बीच समर्थक विधायकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देर रात दो और निर्दलीय विधायक गीता जैन और किशोर जोरगेवार रेडिशन ब्लू होटल पहुंचे। जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 46 विधायक गुवाहाटी पहुंच चुके हैं। 46 समर्थकों में से 37 शिवसेना के विधायक है जबकि 9 निर्दलीय विधायक हैं।





संजय राउत क्या बोले?







शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'पार्टी एमवीए सरकार (MVA Govt) से बाहर निकलने के लिए तैयार है। अगर आप शिवसैनिक हैं। अगर आप कह रहे हैं कि आप शिवसेना नहीं छोड़ रहे हैं और आपका मुद्दा सरकार के साथ है, तो शिवसेना सरकार और एमवीए गठबंधन से बाहर निकलने को तैयार है, लेकिन पहले यहां आकर हिम्मत दिखाइए और अपनी मांगों को उद्धव ठाकरे के सामने रखिए। उन्होंने दावा किया कि इस पर जरूर विचार किया जाएगा।





क्या दल बदल कानून से बचेगा शिंदे गुट?





महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) में शिवसेना (Shiv Sena) के कुल 55 विधायक हैं। शिंदे गुट को दल बदल कानून से बचने के लिए दो-तिहाई विधायकों का समर्थन चाहिए। दावे के मुताबिक शिवसेना के 37 विधायक शिंदे के साथ हैं, जिसने शिवसेना को टूट के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। बहरहाल ये सियासी तूफान थमता नजर नहीं आ रहा है। सवाल उठने लगा है कि क्या उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray Govt) की उल्टी गिनती शुरु हो गई है?





4 विधायक और पहुंचे गुवाहाटी





गुवाहाटी के होटल रैडिसन ब्लू में गुरुवार को कुछ और विधायकों की एंट्री हुई। इसमें विधायक संजय राठौर, दादा भुस, गीता जैन, निर्दलीय विधायक किशोर जोर्गेवार और एमएसली रविंद्र फाटक शामिल हैं। इनमें से फाटक उन 2 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से करने के लिए सूरत भेजा था। सूरत पहुंचने के साथ उन्होंने एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उनके साथ बातचीत करवाई थी। 





12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला





गुरुवार को भी महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा पूरे दिन जारी रहा. दिनभर बयानबाजी और बैठकें होती रहीं। शिवसेना नेता संजय राउत भी इस उठापटक के बीच दिनभर बयानबाजी करते रहे। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के अलावा बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे के बयान भी आते रहे। सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की और शुक्रवार को जिला प्रमुखों की बैठक बुलाई। शिवसेना की बैठक में मौजूद न रहने वाले 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला किया गया है। पार्टी सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास वर्षा बंगले पर शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसके लिए व्हिप जारी किया गया था. बावजूद उसके कुछ विधायक बैठक में मौजूद नहीं रहे। इस नोटिस का कुछ विधायकों ने जवाब दिया। उनके जवाब से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने झूठा कारण बताया है। इसीलिए पार्टी ने उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला किया है. हमने विधानसभा उपाध्यक्ष को पिटीशन सौंपी है, जिसमें 12 विधायकों के नाम हैं। 





शिंदे का संजय राउत  को करारा जबाव





 शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने संजय राउत को करारा जबाव देते हुए कहा कि आप किसे डराने की कोशिश करे रहे हैं. आपके तरीकों और कानून को भी हम जानते हैं। उन्होंने कहा कि 10 वां (शेड्यूल) व्हीप विधानसभा के कामकाज के लिए लगता है। बैठक के लिए नहीं. 12 विधायकों पर कार्रवाई की बात कहकर आप हमें डरा नहीं सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम असली शिवसेना हैं। बाल ठाकरे की शिवसेना। हम कानून जानते हैं, इसलिए हमको धमकी मत दो। उन्होंने आगे कहा कि विरोधियों के पास संख्या नहीं है, फिर भी सरकार चला रहे हैं. अब हम उन पर कार्रवाई की मांग करते हैं। 



 



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