Mumbai. शिवसेना के बागी नेता और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे लगातार ताकतवर होते जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे को सियासत के अखाड़े में पछाड़ने वाले एकनाथ शिंदे ने अब सदन में बहुमत का आंकड़ा भी छू लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को फ्लोर टेस्ट के वक्त जैसी उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। शिंदे सरकार ने विश्वास मत जीत लिया। सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला। विपक्ष में 99 वोट पड़े। इस तरह शिंदे सरकार बच गई। वोटिंग के वक्त 266 विधायक सदन में मौजूद थे। इनमें से तीन विधायकों ने वोट नहीं डाला। 21 विधायक सदन से गैरहाजिर रहे।
सुप्रीम कोर्ट से भी उद्धव को झटका
वोटिंग से पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। स्पीकर राहुल नार्वेलकर के फैसले के खिलाफ शिवसेना ने याचिका दाखिल की थी। रविवार को स्पीकर की ओर से विधानसभा में शिवसेना के नेता और चीफ व्हिप की मान्यता को खत्म कर दिया था। दूसरी ओर एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र में 14 दिन से जारी सियासी घमासान के बीच बड़ा बयान दिया है। मुंबई में NCP विधायकों की मीटिंग में पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे की सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। 6 महीने में ही गिर जाएगी। मिड टर्म इलेक्शन की तैयारी सभी लोग कर लें।
आदित्य समेत 16 विधायकों को अयोग्य करें
स्पीकर के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है। शिंदे गुट के चीफ व्हिप भारत गोगावाले ने नए स्पीकर राहुल नार्वेकर को लेटर सौंपा है। लेटर में कहा है कि 16 विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है। इसलिए इनकी सदस्यता रद्द हो। स्पीकर ने उनका लेटर ले लिया है और उस पर विचार करने की बात कही है। बागी गुट के 16 विधायकों की सदस्यता का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में है।
स्पीकर चुनाव में भी शिंदे गुट ने जीत हासिल की
उद्धव सरकार को गिराने के बाद एकनाथ शिंदे ने रविवार को विधानसभा में पहला शक्ति परीक्षण जीत लिया। भाजपा के राहुल नार्वेकर विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए। नार्वेकर को 164 वोट, जबकि शिवसेना के राजन साल्वी को 107 वोट मिले। वोटिंग के दौरान NCP के 7 और कांग्रेस के 2 विधायक गायब रहे।