Mumbai. महाराष्ट्र के सियासी घमासान(Maharastra politics crisis) का मैदान अब गुजरात(Gujarat) से असम(Assam) शिफ्ट हो गया है। एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) के साथ 41 बागी विधायक स्पेशल फ्लाइट(special flight) से बुधवार सुबह सूरत से गुवाहाटी(Surat to Guwahati) पहुंच गए। भाजपा के नेता उन्हें रिसीव करने पहुंचे। एयरपोर्ट के बाहर तीन बसों से उन्हें कहां ले जाया जाएगा। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इससे पहले, मंगलवार की देर रात सूरत एयरपोर्ट(Surat Airport) पर एकनाथ शिंदे ने कहा था कि अभी हमने बालासाहेब ठाकरे(Balasaheb Thackeray) का हिंदुत्व छोड़ा नहीं है। मैं चाहता हूं कि उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray), भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएं। मेरे साथ कुल 41 विधायक है, जिसमें 34 शिवसेना और 7 विधायक निर्दलीय हैं। मंगलवार रात करीब 2 बजे सभी बागी विधायक तीन बसों में सवार होकर होटल से एयरपोर्ट के लिए निकले थे। असम में भाजपा की सरकार है और राज्य के CM हिमंत बिस्वा सरमा(CM Himanta Biswa Sarma) भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व(BJP central leadership) के करीबी और भरोसेमंद माने जाते हैं।
भाजपा से गठबंधन की शर्त रखी
महाराष्ट्र के 41 विधायकों के साथ गुजरात में डेरा डालकर बैठे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के सामने भाजपा से गठबंधन की शर्त रख दी है। उद्धव ने शिंदे से बातचीत के लिए मिलिंद नार्वेकर को भेजा था। नार्वेकर और शिंदे के बीच करीब एक घंटे मुलाकात चली। नार्वेकर ने फोन पर उद्धव से शिंदे की बातचीत कराई।
सूत्रों का कहना है कि करीब 20 मिनट चली इस बातचीत में उद्धव ने मुंबई आकर बातचीत का प्रस्ताव रखा। पर, शिंदे भाजपा से गठबंधन पर अड़े रहे। यह भी कहा कि पहले उद्धव अपना रुख स्पष्ट करें और अगर गठबंधन पर राजी हैं तो पार्टी टूटेगी नहीं।
अमृता ने लिखा- एक 'था' कपटी राजा
इस मुलाकात के बाद अब भाजपा भी एक्टिव नजर आ रही है। सू्त्रों का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस(Devendra Fadnavis) आज रात सूरत जा सकते हैं। वे अभी दिल्ली में हैं। इस बीच महाराष्ट्र को लेकर सबसे बड़ा संकेत दिया फडणवीस की पत्नी अमृता(Fadnavis's wife Amrita) ने उन्होंने ट्वीट किया- एक 'था' कपटी राजा। ट्वीट में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, पर इसे महाराष्ट्र में बदलाव का इशारा माना जा रहा है।
शिदें की आदित्य ठाकरे से नोकझोंक
सूत्रों के मुताबिक, विद्रोह से 2 दिन पहले, यानी शुक्रवार को एकनाथ शिंदे और आदित्य ठाकरे(Eknath Shinde and Aaditya Thackeray) के बीच मुंबई के पवई के एक होटल में नोकझोंक हुई थी। इस दौरान संजय राउत भी वहां मौजूद थे। दोनों के बीच विधान परिषद चुनाव(legislative council election) के दौरान कांग्रेस पार्टी के लिए अतिरिक्त वोटों का उपयोग करने को लेकर बहस हुई थी, जिसका शिंदे ने विरोध किया था। शिंदे के विरोध की वजह से कांग्रेस के उम्मीदवारों में से एक, भाई जगताप को उनकी जरूरत के वोट मिले, लेकिन दूसरे उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे निर्वाचित नहीं हुए। सुबह से खबरें थी कि सूरत के ला मेरिडियन होटल में शिंदे के साथ 15 शिवसेना, एक NCP और 14 निर्दलीय विधायक मौजूद हैं। देर रात तक पता चला कि शिंदे के साथ 35 विधायक होटल में रुके हैं। जबकि एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ 41 विधायक हैं। इस खेमेबंदी के बाद 2 संभावनाएं भी जाहिर की जा रही हैं। पहली विधायकों को एयरलिफ्ट करके गुवाहाटी लाया जा सकता है। इससे पहले खबरें थीं कि विधायकों को दिल्ली लाया जा सकता है और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के पास ले जाया जा सकता है, यानी सत्ता के समीकरण में भाजपा की एंट्री हो सकती है। दूसरी- विधायकों को अहमदाबाद के किसी रिसॉर्ट में ले जाया जा सकता है और उद्धव से बातचीत के रास्ते खुले रखे जा सकते हैं।
शिंदे मेरी बात सुनेंगे:उद्धव
CM उद्धव ठाकरे ने बैठक में शिवसेना विधायकों से कहा कि अब वे (एकनाथ) भाजपा से हाथ मिलाने की बात कह रहे हैं। जब आप भाजपा के साथ थे तो क्या आपको कम परेशानी हुई? अब BJP के साथ कैसे जाएं? मुझे विश्वास है कि एकनाथ शिंदे मेरी बात सुनेंगे। सभी विधायक जल्द ही आपके साथ होंगे। राकांपा-कांग्रेस हमारे साथ है।
पक्के शिवसैनिक हैं, धोखा नहीं देंगे:एकनाथ शिंदे
बगावती कदम के बाद शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। पार्टी के इस एक्शन के बाद शिंदे ने बयान दिया, जो उनके बागी तेवरों के एकदम उलट था। उन्होंने ट्वीट किया- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे।
शिवसेना का अंदरूनी मामला
इन सभी हलचलों के बीच शरद पवार मीडिया के सामने आए। करीब 11 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनसे सवाल हुआ कि शिंदे क्या खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो बोले कि उन्होंने ऐसी इच्छा हमसे जाहिर नहीं की। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिश पहले भी हुई है पर चिंता की बात नहीं... उद्धव सरकार चलती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार का मसला नहीं है, यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है।
संजय राउत बोले- ऑपरेशन लोटस सफल नहीं होगा
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सूरत में 30 विधायक नहीं हैं, शिंदे के साथ कुल 16 या 17 विधायक ही हैं। देर रात एक विधायक होटल से निकला चाहते थे। कुछ और विधायक भी लौटना चाहते हैं, लेकिन गुजरात पुलिस ने विधायकों को बंधक बना रखा है। भाजपा के लोग ऑपरेशन लोटस चला रहे हैं। पर ये सफल नहीं होगा।
शिवसेना ने जिस विधायक को पीटने का आरोप लगाया, उससे मिलने पहुंचे एकनाथ
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने साथी विधायक नितिन देशमुख से मिलने सूरत सिविल अस्पताल पहुंचे थे। नितिन देशमुख की होटल में तबियत बिगड़ गई थी। उन्हें सूरत सिविल हॉस्पिटल में दाखिल किया गया है। इसी बीच देर शाम एकनाथ शिंदे उनसे मिलने हॉस्पिटल पहुंचे थे। शिवसेना सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया है कि सूरत पुलिस ने उनके दो विधायकों की पिटाई की है, जिसमें नितिन देशमुख का नाम शामिल है।
तो गिर जाएगी महाराष्ट्र सरकार?
महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे, जबकि उससे पहले ये संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हुए हैं।
परिषद चुनाव से पहले और बाद में तुलना करके देखा जाए तो कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। दूसरी तरफ अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार टिकने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है।
फिर भी, शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चैलेंज होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक है।
उद्धव सरकार को बचाने कमलनाथ आगे आए
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को सियासी संकट से बचाने के लिए कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुना है। पार्टी ने उन्हें इस सियासी उठापटक के बीच ऑब्जर्वर बनाया है। शिवसेना के 30 विधायक सूरत के जिस होटल ली-मेरीडियन में रुके थे, वो मध्यप्रदेश के व्यापारियों का है, लेकिन आज सुबह 6 बजे ही एकनाथ शिंदे समेत 40 बागी विधायक स्पेशल फ्लाइट से बुधवार सुबह सूरत से गुवाहाटी पहुंच गए। यहां एयरपोर्ट पर एकनाथ शिंदे ने फिर दोहराया कि हम बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे ले जाएंगे। कमलनाथ आज महाराष्ट्र में उद्धव सरकार को बचाने की कोशिश करेंगे। माना जा रहा कि होटल का मध्यप्रदेश कनेक्शन निकलने के कारण कमलनाथ इस सियासी उठापटक में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र के सियासी घमासान का मैदान अब गुजरात से असम शिफ्ट हो गया है।
प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल रहे मौजूद
BJP की ओर से गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने 175 कमरों वाले इस होटल के 55 कमरे बुक किए थे। ये कमरे चौथी और 5वीं मंजिल पर हैं। हर कमरे में एक गेस्ट को रखा गया। विधायकों के अलावा 25 लोग BJP के थे। इनके लिए कोई पर्सनल सिक्योरिटी नहीं रखी गई। गुजरात पुलिस ही सुरक्षा पर तैनात थी। होटल के इन दो फ्लोर्स पर अन्य किसी भी गेस्ट को आने की मनाही है। निजता और सुरक्षा की दृष्टि से होटल के सीमित स्टाफ को ही इन दो फ्लोर्स का एक्सेस दिया गया है।