रायपुर. छत्तीसगढ़ में इंडियाराइटर्सकोडॉटइन (Indiawriters.co.in) वेब पोर्टल के संचालक नीलेश शर्मा को गैर-जमानती धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया है। FIR पढ़ने से समझ आता है कि नीलेश के वेब पोर्टल के नियमित कॉलम ‘घुरवा के गोठ’ में सांकेतिक नामों के जरिए आर्टिकल लिखे जाते थे। बताया जा रहा है कि इससे रिपोर्टकर्ता यानी कांग्रेस पदाधिकारी आहत हो गए हैं। प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार है।
कॉलमों में कसे तंज: रायपुर के डीडी नगर निवासी नीलेश शर्मा रमन सिंह सरकार के वक्त भी चर्चाओं में थे। तब वेब पोर्टल पर मुखिया के मुखारी नाम से कॉलम आता था। इसमें राजनैतिक-प्रशासनिक व्यवस्था की असफलताओं को व्यंग्य रूप में लिखा जाता था। जब भूपेश सरकार आई तो नीलेश शर्मा के वेब पोर्टल पर घुरवा की माटी नाम से कॉलम शुरू हो गया। ये कॉलम शुरुआती दौर में, मुखिया के मुखारी की तरह ही था, लेकिन कुछ ही समय बाद उसे भूपेश बघेल नेतृत्व वाली सरकार में बेहद प्रभावी लोगों के खिलाफ टार्गेटेड लिखने के लिए जाना जाने लगा। घुरवा के माटी में सीधे नाम तो नहीं लिखे गए, लेकिन संकेतों में जिनका जिक्र कमोबेश हर कॉलम में हर बार हुआ, उन्हें रूपक नामों के बावजूद आसानी से पहचान लिया गया। जिन रूपक या प्रतीकात्मक नाम का लगातार इस्तेमाल हुआ, वे थे - गुंजा, महानदी के पार का सूरज और दाऊजी।
FIR में क्या है: रायपुर सिविल लाइंस थाने में नीलेश के खिलाफ दर्ज FIR (क्रमांक 0133/2022) वे तीन नाम नहीं मिलते। एफआईआर में लिखा गया है- मैं बीस साल से कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं। टीएस सिंहदेव जी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का समर्थक हूं। प्रदेश में 2018 में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार निर्वाचित हुई। भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार जनाकांक्षाओं को पूरा करने तथा जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लगातार जुटी हुई है। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार बहुत ही अच्छे समन्वय एवं एकजुटता से जनता की सेवा में जुटी हुई है।
लेकिन यह स्थिति विपक्षी पार्टी के कतिपय विघ्नसंतोषी लोगों को सहन नहीं हो पा रहा, इसलिए वे अपने गोदी मीडिया के माध्यम से किसी गुप्त एजेंडे के चलते ऐसी झूठी खबरें, अफवाहें, गलत बातें प्रचारित कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस सरकार एवं पार्टी के विभिन्न मंत्री एवं विधायकों, पदाधिकारीयों एवं कार्यकर्ताओं में संघर्ष उत्पन्न हो जाए और कांग्रेस सरकार को नुकसान हो। ये प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। कुछ समय पूर्व पवन न्यूज वेब पोर्टल द्वारा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जी को लेकर एक फेक न्यूज चलाई गई थी और उनकी छवि को ख़राब करने की कोशिश की गई थी, जिस पर महाराज साहब की ओर से शिकायत भी दर्ज कराई गई है। फर्जी वेब पोर्टल के पत्रकार को गिरफ्तार भी किया गया था, किंतु ऐसे और भी बहुत से वेब पोर्टल हैं, जो किसी ना किसी एजेंडे के तहत फर्जी न्यूज प्रसारित करने में लगे हैं।
इसी प्रकार का एक पोर्टल इंडियनराइटर्सडॉटकोडॉटइन है,जो घुरुवा के माटी नाम से कॉलम प्रकाशित करता है और पिछले काफी लंबे समय से फर्जी खबर प्रकाशित करते हुए सरकार की लोकप्रियता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने और पार्टी के ही पदाधिकारियों/कार्यकर्ताओं के बीच लड़ाई करवाने में जुटा हुआ है।
1 मार्च 2022 को कॉलम घुरवा के माटी में ‘वाह-वाह खेल शुरू हो गया’ शीर्षक पोस्ट सामग्री में भ्रामक, तथ्यहीन, काल्पनिक और कांग्रेस पार्टी एवं सरकार में आपसी विद्वेष बढ़ाने वाली बातों का उल्लेख किया गया है। यह सरकार और कांग्रेस पार्टी को बदनाम, अस्थिर करने और सबसे बढ़कर महाराज साहब टीएस सिंहदेव जी की छवि खराब करने के किसी गुप्त एजेंडे के तहत लिखा जाना प्रतीत होता है। उक्त प्रसारित सामग्री में सरकार के मंत्रियों के नाम सांकेतिक रूप से लिखकर के उन्हें पद से हटाए जाने का उल्लेख किया गया है और सत्तू,धन्नू, रुद्र, विक्की, शैलू जैसे सांकेतिक नामों का प्रयोग करते हुए इनसे मिलते-जुलते नाम के विधायकों के असंतुष्ट होने का दुष्प्रचार किया गया है। ये सभी विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हैं और सरकार में पूरा सम्मान रखते हुए पूरा तालमेल बनाकर जनहित में काम कर रहे हैं।
इन्होंने कराया केस: सिविल लाइंस थाने में दर्ज FIR में बतौर आवेदक खिलावन निषाद का नाम है। वे शहर कांग्रेस कमेटी, आरंग के महामंत्री हैं। वेदन के अनुसार उनके साथ वतन चंद्राकर (जनपद सदस्य आरंग), डूमेंद्र साहू (जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि,आरंग) और देवेंद्र चंद्राकर, महेंद्र वर्मा मौजूद थे।
क्या बोले प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष: रायपुर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासनकाल में भी पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे थे। झूठे आरोपों में फंसाकर एफआईआर हो रही थीं, पत्रकार जेल भेजे जा रहे थे। पत्रकार सुरक्षा कानून का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार से इस तरह की उम्मीद नहीं थीं। कांग्रेस, बीजेपी से भी दो कदम आगे निकली। इस समय पत्रकारों के सामने दो ही स्थिति है या तो सरकार के आगे सरेंडर हो जाएं, जैसा कि ज्यादातर पत्रकार और मीडिया मालिक हो गए हैं या दूसरा लिखना-बोलना छोड़ दें, नहीं तो उनके खिलाफ झूठी एफआईआर होंगी, उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।
सरकार फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर की गई आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही। आलोचनात्मक पोस्ट पर लाइक, कमेंट करने वालों तक को नौकरी से निकालने और ट्रांसफर करवा देने जैसी कार्रवाइयां हो रही हैं। सरकार की आलोचना छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पत्रकारों के साथ लगातार ज्यादती और गुंडागर्दी हो रही है। हम ऐसा नहीं कहते कि पत्रकारिता में सारे के सारे लोग अच्छे ही हैं, जो गलत हैं, पत्रकारिता का दुरुपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए, लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा ठीक से द्वारा जांच-पड़ताल करने के बाद ही कोई कार्रवाई होना चाहिए। सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द लागू करना चाहिए। सरकार को तीन साल से ऊपर हो गए हैं, कानून का कोई अता-पता नहीं है। इससे पत्रकारों को लेकर सरकार की मंशा साफ हो जाती है।
सिंहदेव के ऑफिस को पता ही नहीं: जर्नलिस्ट नीलेश शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में मंत्री टी एस सिंहदेव का जिक्र है, बल्कि एफआईआर का आधार भी वही है, लेकिन मंत्री टीएस सिंहदेव के कार्यालय को ही कोई जानकारी नही है। जिन्हें सूबे की सियासत की जानकारी है, उनके लिए इस सूचना के अहम मायने हैं। ये जानकारी भी अहम है कि कि शिकायतकर्ता आरंग के हैं, जो नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया का गृह और निर्वाचन क्षेत्र है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद भरोसेनंद मंत्री शिव डहरिया सरगुजा के प्रभारी मंत्री भी हैं। नीलेश गिरफ्तार हैं और खबर लिखे जाने तक उनकी जमानत नहीं हो पाई है। फिलहाल उनकी वेबसाइट नहीं खुल रही। क्लिक करने लिखा आ रहा है- वेबसाइट का मेंटेनेंस जारी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पत्रकार पर कार्रवाई को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया है।
.@RahulGandhi जी यही चरित्र है कांग्रेस का! जो इमरजेंसी में मीडिया का गला घोंटने का काम करते थे, अब वही छत्तीसगढ़ में कर रहे हो। @bhupeshbaghel क्या इतने डरपोक हैं कि उन्हें अब कलम से डर लगता है।
पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का वादा करने वाले पत्रकारों को ही निशाना बना रहे हैं। pic.twitter.com/AHNffjM1aL
— Dr Raman Singh (@drramansingh) March 5, 2022