BHOPAL. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं हैं। दोनों खगोलीय घटनाओं का असर इस धरती और उसके प्रत्येक जीव पर अवश्य ही पड़ता है। साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार 30 अप्रैल 2022 को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य ग्रहण रात 12 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगा, और सुबह 4 बजकर 8 मिनट पर खत्म हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है। भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसलिए साल के पहले सूर्य ग्रहण का भारत में कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा.
गर्भवती महिलाएं रहें सावधान
गर्भवती महिलाओं को सूतक के दौरान भी नहाना चाहिए और जब ग्रहण हट जाए तो भी नहाना जरूरी होता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कुछ काटना, छीलना, तलना, छौंकना या बघारना नहीं चाहिए। मान्यताओं के अनुसार जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा अनाज और पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और ग्रहण समाप्त होने के बाद उसे आदर सहित किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ती होगी।
ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक नकारात्मकता फैल जाती है इसलिए घर में पानी, दूध और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण पश्चात दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए। ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी काम न करें, इसके साथ ही ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाएं अपने लंबाई के बराबर एक कुश या कोई सीधा डंडा लेकर उसे एक कोने में खड़ा कर दें। इसके बाद यदि वह ग्रहण काल में बैठ या लेट सकती हैं।
मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए क्योंकि ग्रहण की नकारात्मक विकिरण बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इस दौरान घर में भी भगवान के मंदिर को ढंक देना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए। किसी भी स्त्री, पुरुष, बच्चे को सुई में धागा नहीं डालना चाहिए, साथ ही कुछ भी काटने, छीलने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए, उन्हें अपना ख्याल रखना चाहिए।
भारत में सूर्य ग्रहण
इस बार साल 2022 में कुल चार ग्रहण लगने का योग बना हुआ है। जिसमें से दो सूर्य ग्रहण और दो ही चंद्र ग्रहण लगने का योग बना है। पंचांगों के अनुसार, 30 अप्रैल 2022 को पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा। यह साल का पहला ग्रहण होगा। यह ग्रहण आंशिक होगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण अटलांटिक और अंटार्कटिक महासागर, दक्षिण और वेस्ट-साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर जैसे क्षेत्रों से दिखाई देगा।