भोपाल. भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक कर फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) बनाने के मामले के तार मध्यप्रदेश से भी जुड़ गए है। गिरोह का मास्टर माइंड अरमान मलिक हरदा (Harda) का रहने वाला है, जिसकी गिरफ्तारी दिल्ली (delhi) में हुई है। वहीं पुलिस ने मुरैना (morena) में 4 युवकों को हिरासत में लिया है। इनमें से एक अजय कुशवाह नाम के आरोपी ने कबूल भी कर लिया है कि उसके पास देशभर के 2 करोड़ लोगों का डेटा मौजूद है। डीजीपी (DGP) विवेक जौहरी ने बताया कि एमपी में इस गिरोह को अम्बाह (ambah) निवासी हरिओम सिंह लीड कर रहा था। उसकी तलाश की जा रही है। उत्तरप्रदेश पुलिस की टीम अम्बाह पहुंची है।
UP के सहारनपुर में हुआ खुलासा
मामले में सबसे पहले विपुल सैनी नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था। विपुल का रहन-सहन अचानक रईसों जैसा हो गया था। लिहाजा पुलिस ने संदेह के आधार पर जांच की तो पता चला कि विपुल वोटर आईडी कार्ड बनाता था। 3 महीने में उसने 10 हजार से ज्यादा वोटर कार्ड बनाए थे। अरमान मलिक उर्फ मोहम्मद नियाज ने ही विपुल को निर्वाचन आयोग (election commission) की वेबसाइट का यूजर नेम और पासवर्ड बताया था।
दिल्ली में चार की गिरफ्तारी
दिल्ली में आशीष जैन, आदित्य खत्री, अरमान मलिक उर्फ मोहम्मद नियाज आलम, नितिन को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से आदित्य और नितिन भारत निर्वाचन आयोग के दिल्ली कार्यालय में संविदा कर्मचारी के रूप में काम करते थे। वहीं अरमान मलिक भी आयोग के कार्यालय में डेटा ऑपरेटर (Data operator) के तौर पर काम कर चुका है।