समझना जरूरी है: अब स्वदेशी होगा आपके जूतों का साइज, आएगा इंडियन साइजिंग सिस्टम

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समझना जरूरी है: अब स्वदेशी होगा आपके जूतों का साइज, आएगा इंडियन साइजिंग सिस्टम

भोपाल. ऑनलाइन फुटवियर खरीदते वक्त आपको जूते (Shoes) और चप्पलों (slippers) के साइज को लेकर हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ता होगा। जब हम ऑनलाइन शॉपिंग(Online Shopping) के समय अपने फुटवियर का साइज देते हैं और डिलीवरी के समय जो प्रोडक्ट हमें मिलता है, उसके साइज में अन्तर होता है। इससे हमें उसे रिप्लेस और रिटर्न करना पड़ता है। इससे समय और कई बार पैसे तक की बर्बादी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम आज भी फुटवियर (footwear) के साइज को नापने के लिए यूके और यूएस के फुटवियर साइजिंग सिस्टम (footwear sizing system) का उपयोग करते हैं। अब इस समस्या को खत्म करने के लिए केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान, चेन्नई (Central Leather Research Institute) उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के साथ मिलकर पहली बार भारत का अपना फुटवियर साइजिंग सिस्टम लाने जा रहा है।

क्या हैं वर्तमान फुटवियर साइजिंग के मानक?

वर्तमान में फुटवियर साइज और फिटिंग का मानक (IS 1638-1969) है, जो यूके और यूएस के मानकों पर आधारित है। फुटवियर मानक पैरों की लंबाई, चौड़ाई और इंटरनेशनल वेरीएशन को ध्यान में रख कर तय किए जाते हैं। जरूरी नहीं की यूके और यूएस के कॉपी किए गए फुटवियर साइजिंग मानक भारतीय फुटवियर यूजर्स (Indian footwear users) के लिए हमेशा सही हो। क्योंकि भारतीय और यूरोपीय लोगों के पैरों की बनावट अलग होती है।

भारत के लिए क्यों जरूरी है फुटवियर साइजिंग सिस्टम?

हर देश के लोगों के लिए खुद का फुटवियर साइजिंग सिस्टम होना जरूरी है क्योंकि आपके जूतों का साइज आपकी एथनिसिटी, उम्र और जेंडर जैसे फैक्टर से प्रभावित होता है। जैसे बहुत से भारतीयों के पैरों के आगे का हिस्सा चौड़ा होता है पर पैरों की लंबाई कम, ऐसे में सही नाप न मिलने के कारण उनको एक नंबर बड़ा जूता लेना पड़ता है। गलत जूतों का साइज बहुत सारी समस्याओं को न्योता दे सकता है। जिसमें पोस्चर डिफार्मिटी(Postural deformities)  व चोट लगने जैसी समस्याएँ शामिल हैं।

कैसे होगा फुटवियर साइजिंग सर्वे?

इस प्रोजेक्ट के तहत देशभर में अलग-अलग एथनिसिटी जैसे नार्थ-ईस्ट, उम्र और जेंडर के लोगों के पैर का नाप 3D फीट स्कैनर मशीन के द्वारा लिया जाएगा। सर्वे में इक्कठा हुए डेटा का विश्लेषण कर एक स्टैंडर्ड फुटवियर सिस्टम लाया जाएगा।

10.80 करोड़ के बजट की मंजूरी 

जूते बनाते समय कंपनियों को बहुत सारे मानकों को ध्यान में रखना होता है। जिससे आपको एक आरामदायक फुटवियर (Comfortable Shoes) मिल सके। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry ) के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade DPIIT) ने देश में फुटवियर साइजिंग प्रोजेक्ट के लिए 10.80 करोड़ के बजट को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट में एंथ्रोपोमेट्रिक सर्वेक्षण, सांख्यिकीय विश्लेषण और एक भारतीय फुट साइजिंग सिस्टम का विकास शामिल है।

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