DELHI: भाई की मौत ने उतारा राजनीति में, फिर मां की मौत ने बनाया प्रधानमंत्री, जानें संचार क्रांति के जनक राजीव गांधी के किस्से

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The Sootr CG
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DELHI: भाई की मौत ने उतारा राजनीति में, फिर मां की मौत ने बनाया प्रधानमंत्री, जानें संचार क्रांति के जनक राजीव गांधी के किस्से

NEW DELHI. भारत के 9वें और देश से सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी का आज (20 अगस्त) 78वां जन्मदिन है। राजीव का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। उनके जन्म के तीन साल बाद भारत आजाद हुआ। तब किसे पता था कि ये बच्चा कभी देश का प्रधानमंत्री बनेगा। हालांकि, बड़े होते-होते राजीव का राजनीति में कोई इंट्रेस्ट नहीं था। उन्हें तो प्लेन उड़ाना, फोटोग्राफी करना पसंद था। लेकिन भविष्य में ऐसी परिस्थितियां बनीं कि वक्त ने उन्हें प्रधानमंत्री की गद्दी ही सौंप दी। 





दिल्ली में ही शादी की





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राजीव गांधी ने अपना बचपन में तीन मूर्ति हाउस में बिताया। राजीव गांधी स्कूली पढ़ाई के बाद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला लिया। लेकिन जल्द ही वहां से वे लंदन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए थे। यहां उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन किसी कारण से उसे पूरा नहीं कर पाए। लंदन में राजीव की मुलाकात एड्विग एंतोनियो माइनो (Edvige Antonio Albina Maino) से हुई थी। इसके बाद 1966 में राजीव भारत आ गए। दो साल बाद 1968 में राजीव और एंतोनियो ने दिल्ली में शादी कर ली। राजीव ने अपनी पत्नी का नाम बदलकर सोनिया गांधी कर दिया। 





तब तक उनकी मां इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बन चुकी थीं। राजीव को म्यूजिक में काफी इंट्रेस्ट था। साथ ही उन्हें फोटोग्राफी और रेडियो सुनने का भी शौक था, लेकिन पायलट बनना उनका जुनून था। इसलिए उन्होंने दिल्ली में फ्लाइंग क्लब (Flying Club) से पायलट की ट्रेनिंग ली। इसके बाद 1970 में बतौर पायलट इंडियन एयरलाइंस (Indian Airlines) में काम करने लगे। अब तक उनके भाई संजय गांधी, मां इंदिरा गांधी के साथ राजनीति के गलियारों की सैर कर रहे थे। 





भाई से मां की मौत तक... प्रधानमंत्री का सफर





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राजीव अपने जीवन में खुश थे, लेकिन 23 जून 1980 को संजय का प्लेन क्रैश में निधन हो गया। इसके बाद राजीव को अपनी मां इंदिरा गांधी के साथ राजनीति में कदम रखना पड़ा। राजनीति में आने के बाद उन्होंने संजय निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में राजीव को जीत हासिल हुई। धीरे-धीरे उन्होंने युवा विचारधारा से संसद में अपनी जगह बनाई। ऑपरेशन ब्लू स्टार के चलते उनकी मां प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में गोली मारकर हत्या कर दी गई और देश में इमरजेंसी लग गई। इसके बाद देश में चुनाव हुए और कांग्रेस को ऐतिहासिक बहुमत (400 सीटें) मिला। राजीव प्रधानमंत्री बन गए। वो शख्स जिसे राजनीति में कोई इंट्रेस्ट नहीं था, हालात ने उन्हें देश का प्रधानमंत्री बना दिया था।





सूचना व आधुनिक क्रांति के जनक





राजीव प्रधानमंत्री तो बन गए थे, लेकिन अब जिम्मेदारी भी निभानी थी। राजीव ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले दलबदल (anti defection) कानून पारित किया। इस कानून में किसी भी संसद या विधायक को अगले चुनाव तक किसी भी दूसरी पॉलिटिकल पार्टी में शामिल होने पर प्रतिबंध था। इसके बाद 1988 राजीव ने स्वर्ण मंदिर अमृतसर Golden Temple, Amritsar) में छिपे आतंकियों को बाहर निकालने के लिए ब्लैक थंडर ऑपरेशन (Black Thunder Operation) शुरू किया। इस ऑपरेशन में दो ग्रुप थे- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और स्पेशल एक्शन ग्रुप। राजीव ने सैम पित्रोदा को अपना सलाहकार बनाया। पित्रोदा ने ही 80 के दशक में देश में टेलीकॉम और टेक्नोलॉजी की नींव रखी। इसी के चलते राजीव को देश में सूचना क्रांति का जनक कहा जाता। यही नहीं युवाओं को वोटिंग राइट्स दिलाने वाले राजीव गांधी ही हैं। उन्हीं के समय वोट देने की उम्र 21 से घटाकर 18 साल कर दी गई। राजीव आतंकी गतिविधियों को लेकर हमेशा सजग रहते थे। पड़ोसी देश श्रीलंका में आतंकी गतिविधियां रुक सकें, इसलिए उन्होंने वहां शांति सेना भेजी। राजीव नहीं जानते थे कि एक दिन यही कदम उनकी जान ले लेगा। 





एक महिला बेल्ट में बांधकर लाई थी प्रधानमंत्री की मौत





राजीव गांधी जब 21 मई 1991 में चुनावी दौरे पर तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर गए थे, तभी उन पर आत्मघाती हमला हुआ। तब राजीव प्रधानमंत्री थे। वे कांग्रेस उम्मीदवार के लिए सभा करने गए थे। तभी एक महिला थेनमोझी राजरत्नम (Thenmozhi Rajaratnam) उनसे मिलने आई थी। महिला ने अपनी कमर से एक बेल्ट बांधा हुआ था। इस बेल्ट में करीब 700 ग्राम आरडीएक्स (RDX) था। जैसे ही महिला राजीव का अभिवादन (Greeting) करने नीचे झुकी, ब्लास्ट हो गया। धमाके में राजीव मारे गए। 





निधन के बाद पत्नी ने बनाई फोटो की किताब





राजीव के निधन के बाद उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। साथ ही श्रीपेरंबुदूर में स्मृति स्थल बनाया गया। सोनिया गांधी ने उनकी याद में फोटोज को लेकर एक किताब लॉन्च की थी। बुक का टाइटल है- राजीव्स वर्ल्ड: फोटोग्राफ्स बाय राजीव गांधी। इस किताब में राजीव गांधी द्वारा ली गई फोटोज को किताब का रूप दिया गया है।



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