सिब्बल की बर्थडे पार्टी: चर्चा यही- ‘गांधी’ के पंजे से छूटे बगैर कांग्रेस का कायाकल्प नहीं

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सिब्बल की बर्थडे पार्टी: चर्चा यही- ‘गांधी’ के पंजे से छूटे बगैर कांग्रेस का कायाकल्प नहीं

नई दिल्ली. कांग्रेस के अंदर नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा जोरों पर है। NDTV के मुताबिक, 9 अगस्त को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के घर पार्टी हुई। मौका था उनके जन्मदिन का। पार्टी में कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेता भी जुटे। जाहिर है इतने दिग्गज जुटेंगे तो कुछ पकेगा भी। कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा हुई। मुख्य विषय यही था कि विपक्ष मोदी सरकार से टक्कर कैसे ले। सूत्रों के मुताबिक, यह भी कहा गया कि कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन जरूरी है। कुछ नेताओं ने दो टूक कहा कि यह तभी संभव है जब कांग्रेस गांधी परिवार के पंजे से आजाद हो। बड़ी बात ये कि गांधी परिवार यानी पार्टी आलाकमान से कोई भी पार्टी में मौजूद नहीं था।

ये नेता थे पार्टी में

सिब्बल के यहां कांग्रेस की तरफ से पी चिदंबरम, शशि थरूर और आनंद शर्मा मौजूद थे। अन्य विपक्षी नेताओं मे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना के संजय राउत, एनसीपी के शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला मौजूद थे। अकाली दल के नरेश गुजराल भी सिब्बल की पार्टी में शामिल हुए।

कांग्रेस ताकतवर तो विपक्ष मजबूत

सिब्बल ने कहा कि मोदी सरकार हर इंस्टीट्यूशन को खत्म कर रही है। सभी विपक्षी दलों को इस पर एकजुट होना होगा। उमर ने कहा कि जब कांग्रेस ताकतवर होगी तो विपक्ष खुद ब खुद मजबूत होकर उभरेगा। सवाल यही है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए कौन से कदम उठाए जाते हैं। नरेश गुजराल ने कहा कि जब तक पार्टी गांधी परिवार के नियंत्रण में रहेगी, तब तक उसे मजबूत करना मुश्किल रहेगा। हाल ही में राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जो पार्टी कार्यकर्ता तय करेंगे, वही नेतृत्व करेगा। मैं वही करूंगा, जो पार्टी मुझसे चाहेगी।

सिब्बल ने पार्टी आलाकमान से जताई थी नाराजगी

2020 में कई दिग्गज कांग्रेस नेताओं ने पार्टी आलाकमान को नाराजगी भरी चिट्ठी लिखी थी। इसमें सिब्बल भी शामिल थे। लेटर में 2014 से सत्ता में दूर रहने पर चिंता जताई गई थी। राहुल गांधी ने चिट्ठी पर आपत्ति जताई थी। सिब्बल के घर नेताओं ने ये भी कहा कि कांग्रेस में चुनाव कराए जाने चाहिए, साथ ही पार्टी में संगठनात्मक बदलाव हों और सक्रिय नेतृत्व मिले।

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