नई दिल्ली. यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की रक्षा में शहीद हुए वीरों को सम्मानित किया। गलवान में चीनी सेना को खदेड़ने वाले कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया। कर्नल बाबू की पत्नी और मां ने राष्ट्रपति से सम्मान ग्रहण किया। भारत ने गलवान में चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LIne of Actual Control- LAC) से पीछे धकेलने के लिए ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (Operation Snow Leopard) चलाया था। महावीर चक्र, परमवीर चक्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है।
क्या हुआ था गलवान में?
भारत और चीन के बीच तनाव की शुरुआत 5 मई को हुई। नॉर्थ सिक्किम के पैंगॉन्ग त्सो (Pangong Tso) लेक के पास भारत एक सड़क बना रहा था। चीन ने इसका विरोध किया। दोनों देशों के सैनिकों की झड़प हुई। यहां से बढ़ता मामला लद्दाख पहुंचा। पूर्वी लद्दाख में फिंगर एरिया और गलवान घाटी में चीनी सेना ने टेंट लगा लिए। भारत ने इन्हें हटाने को कहा। 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों की झड़प हुई। भारत के 20 जवान शहीद हो गए। दावा है कि चीन के भी 43 सैनिक मारे गए। हालांकि, उसने इसकी पुष्टि नहीं की।
#WATCH | Col Santosh Babu accorded Mahavir Chakra posthumously for resisting Chinese Army attack while establishing an observation post in the face of the enemy in Galwan valley in Ladakh sector during Operation Snow Leopard.
His mother and wife receive the award from President. pic.twitter.com/vadfvXBz9M
— ANI (@ANI) November 23, 2021
जिन्हें मिला वीर चक्र
ऑपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित हुए। इन सभी के परिजन ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया।
इन्हें कीर्ति चक्र
4 पैरा स्पेशल फोर्स के सूबेदार (Subedar) संजीव कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति कोविंद ने उनकी पत्नी को पुरस्कार दिया। जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर एक आतंकी को मारने और दो अन्य को घायल करने के लिए उन्हें यह सम्मान मिला।
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