NEW DELHI. गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। 26 अगस्त को उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। सोनिया गांधी को उन्होंने 5 पेज का इस्तीफा लिखा, जिसमें उन्होंने प्राथमिक सदस्यता समेत पार्टी का हर पद छोड़ने की बात कही है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने उन्हें जम्मू-कश्मीर कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने 2 घंटे बाद ही इससे इस्तीफा दे दिया था।
सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा- बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। भारत जोड़ों यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए।
जिन्होंने कांग्रेस को सबकुछ दिया, उन्हें ही अपमानित किया- आजाद
गुलाम नबी ने पत्र में राहुल गांधी पर हमला बोला। लिखा- राहुल गांधी के अध्यक्ष (2013) बनने के बाद पुरानी कांग्रेस को खत्म कर दिया गया, जिसके कारण धीरे-धीरे पार्टी के जमीनी नेता दूर हो गए। कमजोरियों को इंगित करने के कारण जी-23 नेताओं को अपमानित किया गया। कांग्रेस आलाकमान ने उन नेताओं ऐसा बर्ताव किया, जिन्होंने अपना सबकुछ कांग्रेस को दिया।
गुलाम नबी लंबे वक्त से नाराज थे
गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। सिब्बल को सपा ने राज्यसभा भी भेजा है।
गुलाम नबी आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी चाहती थीं कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में आजाद के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़े, इसलिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन गुलाम नबी ने पद मिलने के कुछ घंटों के बाद ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसी के बाद से उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम कयास लगाए जा रहे थे। कई मुद्दों को लेकर गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के मतभेद सामने आते रहे, फिर चाहे वो अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बात रही हो या फिर कुछ मुद्दों पर पार्टी के स्टैंड पर।
अब तक इन नेताओं ने पार्टी छोड़ी
आजाद से पहले कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयवीर शेरगिल, जितिन प्रसाद, सुनील जाखड़, कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पार्टी छोड़ चुके हैं।