BHOPAL. मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान योजना में पलीता लगाया जा रहा है। इस योजना के फर्जीवाड़े में प्रदेश के सरकार अस्पतालों से लेकर बड़े-बड़े अस्पताल तक शामिल हैं। सरकार को आयुष्मान योजना के नाम पर अवैध वसूली करने वाले 283 अस्पतालों के खिलाफ 918 शिकायतें मिली हैं। ये शिकायतें साल 2018 से जुलाई 2022 तक की हैं। इनमें मरीजों से पैसे लेना और फर्जी बिल बनाकर आयुष्मान से भी पैसे निकालना, मरीजों को भर्ती किए बिना भर्ती चार्ज जोड़ना, जिन मरीजों को आईसीयू की जरूरत नहीं उन्हें जबरन आईसीयू में रखना, महंगी दवाएं लिखकर बिल बढ़ाना, मरीजों के अस्पताल पहुंचे बिना उनके कार्ड लेकर रुपए निकाल लेना जैसे शिकायतें शामिल हैं। इनमें हैरानी बात ये है कि सरकार ने दो अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर की है और महज 120 अस्पतालों को शोकॉज नोटिस और पेनाल्टी लगाने की रस्म अदायगी की है।
कॉल सेंटर से मिली शिकायतें-201, अस्पताल-102
आयुष्मान भारत इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी-622, अस्पताल-86
आयुष्मान भारत टीम के निरीक्षण पर मिली शिकायतें-95, अस्पताल-95
कुल शिकायतें-918
कुल अस्पताल-283
शोकॉज नोटिस और पेनाल्टी-120
एफआईआर-2 अस्पताल
रजिस्ट्रेशन निरस्त-1 अस्पताल
इन शहरों के बड़े अस्पतालों की इतनी शिकायतें
भोपाल
- एम्स-21
इंदौर
- अरविंदो हॉस्पिटल-1
ग्वालियर
- कैंसर एंड रिसर्च सेंटर-3
जबलपुर
- आशीष हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर-6
इन दो अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर
- वैष्णो मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पिपलानी
सरकार का कड़ी कार्रवाई का दावा
आयुष्मान कार्ड के नाम पर प्रदेश में चल रहे इतने बड़े फर्जीवाड़े के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी कहते हैं जिन अस्पतालों के खिलाफ शिकायत मिलती है उन पर कार्रवाई करते हैं। जो भी शिकायतें आ रही हैं उनकी जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है। मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर पलीता नहीं लगने देंगे।