New Delhi. चुनावी सीजन में केंद्र सरकार ने कई उत्पादों में बड़ी राहत दी है। शनिवार (7 अक्टूबर) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक हुई। जीएसटी कांउसिल ने मोटे अनाजों (मिलेट्स) के मिश्रित आटे को टैक्स के दायरे में लाने का फैसला किया है। यह दर 5% की होगी और सिर्फ प्री-पैक्ड मिलेट मिश्रित आटे पर ही लगाई जाएगी। मोलासेस पर जीएसटी की दर 28 फीसद से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव भी काउंसिल ने किया है> जबकि एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (गन्ने, मोलासीस, चावल, जौ या दूसरे अनाजों से बनने वाले अल्कोहल) पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को दिया गया है>
विदेशी कंपनियों के क्रूज को छूट
इस विषय पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के पास टैक्स लगाने का अधिकार देने का निर्णय सुनाया हुआ है। काउंसिल के प्रस्ताव को लागू करने के लिए अलग से आवश्यक संशोधन किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के विदेशी कंपनियों के क्रूज को छूट दी गई है।
खुले मिलट्स पर कोई टैक्स नहीं
वित्त मंत्री सीतारमण ने 52वें जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिये गये फैसलों के बारे में बताया कि प्री-पैक्ड मोटे अनाजों के मिश्रित आटे पर पांच फीसद की दर से जीएसटी लगाने का विचार सभी राज्यों का था, लेकिन यह तभी लगेगा अगर उक्त पैकेट में 70 फीसद मोटे अनाज है। ब्रांडेड कंपनियों की तरफ से बेचे जाने वाले पैक मिलेट पर जीएसटी लगेगा लेकिन मोहल्लों के आटा चक्की में जो खुले तौर पर बिकता है उस पर नहीं लगेगा।
खपत बढ़ रही, कई बड़ी कंपनियां उतरीं
केंद्र सरकार ने जिस तरह से पूरे देश व दुनिया में भारत में उपजाये जाने वाले मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है> उससे इनकी खपत बढ़ रही है। यह देख कई बड़ी कंपनियां इसमें उतर चुकी हैं। जीएसटी काउंसिल ने यह स्पष्ट किया है कि जौ से माल्ट बनाने की प्रक्रिया पर पांच फीसद की दर से जीएसटी लगाया जाएगा, 18 फीसद का नहीं।
एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल पर टैक्स लगाएगी राज्य सरकार
वित्त मंत्री ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) पर टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र को दे दिया है लेकिन काउंसिल का यह प्रस्ताव है कि अगर मानवीय उपभोग के लिए ईएनए का इस्तेमाल होता है तो इस बारे में टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए। इसके लिए इसे जीएसटी की सूची से अलग किया जाएगा। इसके लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी। ईएनए का इस्तेमाल औद्योगिक तौर पर होता है, उस पर 18 फीसद का जीएसटी लगाया जाएगा।
गन्ना किसानों को होगा लाभ
वित्त मंत्री ने बताया कि मोलासेस पर जीएसटी की दर 28 फीसद से घटा कर पांच फीसद करने का फैसला देश के गन्ना किसानों का भला करेगा। इससे गन्ना मिलों पर बोझ कम होगा, जिससे वह गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान तेजी से कर सकेंगे।
जीएसटी अफसरों को राहत
काउंसिल ने एक अन्य फैसला यह किया है कि जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष की अधिकतम आयु सीमा 67 वर्ष से बढ़ा कर 70 वर्ष और सदस्यों की आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ा कर 67 वर्ष करने का फैसला किया है। इसके लिए सीजीएसटी कानून 2017 में आवश्यक संशोधन किया जाएगा।
दिल्ली और गोवा ने ऑनलाइन गेमिंग पर उठाए सवाल
दिल्ली और गोवा की तरफ से गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसद की दर से जीएसटी लगाने के फैसले और इसे पहले की अवधि से लागू करने का मामला उठाया गया और इस पर विरोध दर्ज कराया गया। इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने आश्वस्त किया है कि वह इस मामले को देखेंगी और संबंधित विभाग से बात करेंगी। इस पर राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि गेमिंग कंपनियों और कैसिनों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव पहले से मौजूद है।
बैठक में लिए गए ये अहम फैसले
- सभी तरह की जरी वाली चीजों पर 5% जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है।
- इंडस्ट्रियल इस्तेमाल में आने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल पर 18% जीएसटीलगेगा।
- प्रोमोटर को अपनी कंपनी के लिए कॉरपोरेट गारंटी देने पर GST नहीं देना होगा।
- ऑनलाइन गेमिंग पर जो फैसला पहले लिया था, सरकार उस पर ही चेलेगी।
- जीएसटी एपीलेट ट्रिब्यूनल में प्रेसिडेंट की अधिकतम उम्र 67 से बढ़ाकर 70 साल की गई।
- जीएसटी एपीलेट ट्रिब्यूनल में सदस्य के लिए अधिकतम उम्र 65 से बढ़ाकर 67 साल की।
सरकार ने सितंबर में जीएसटी से 1.63 लाख करोड़ जुटाए
केंद्र सरकार ने सितंबर 2023 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी GST से 1.63 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। ये एक साल पहले यानी सिंतबर 2022 के मुकाबले 10.2% ज्यादा है। तब GST से 1.47 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए थे, वहीं एक महीने पहले अगस्त में सरकार ने 1.59 लाख करोड़ रुपए और जुलाई में 1.65 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन किया था। लगातार 7वीं बार ऐसा हुआ है कि रेवेन्यू कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ से ऊपर रहा है।