अहमदाबाद. भूपेंद्र पटेल (59) ने सोमवार यानी 13 सितंबर को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। समारोह में गृह मंत्री अमित शाह समेत मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, असम के हेमंत बिस्व सरमा, कर्नाटक के बासवराज बोम्मई और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद थे। रविवार यानी 12 सितंबर को विधायक दल की बैठक भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) प्रदेश के नए मुख्यमंत्री चुन लिए गए थे। बीजेपी आलाकमान के इस कदम ने सभी को चौंका दिया। पटेल गुजरात के 17वें CM हैं। गुजरात प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा था कि पटेल मुख्यमंत्री के तौर पर अकेले शपथ लेंगे।पार्टी के शीर्ष नेताओं से विचार विमर्श के बाद नई कैबिनेट का गठन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री पद को लेकर विधायक दल की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
रूपाणी ने ही रखा प्रस्ताव
11 सितंबर को अचानक से विजय रूपाणी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद रूपाणी ने ही पटेल के नाम का प्रस्तावरखा, जिससे सर्वसम्मति से मंजूर किया गया। बैठक में पार्टी के 112 में से ज्यादातर विधायक मौजूद थे। विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद जोशी और पार्टी महासचिव तरुण चुघ मौजूद रहे।
संगठन में पकड़ ने की राह बनाई
गैर विवादित छवि और संगठन में पकड़ के साथ-साथ भूपेंद्र को कडवा पाटीदार बिरादरी से होने का लाभ मिला। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है, ऐसे में नेतृत्व राज्य के लिए पाटीदार समुदाय से किसी गैर विवादित चेहरे की तलाश में था। राज्य की पूर्व सीएम (Former CM) आनंदीबेन पटेल (Anandi Ben Patel) की पारंपरिक घाटलोडिया सीट से विधायक पटेल की संगठन में अच्छी पकड़ है।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पटेल इससे पूर्व अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (Development Authority) में 2015-2017 तक चेयरमैन भी रहे। इससे पहले वह अहमदाबाद नगर निगम में 2010 से 2015 तक स्थाई समिति के चेयरमैन रहे। इसके अलावा वह पाटीदार समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास के समर्पित संस्था सरदारधाम विश्व पाटीदार केंद्र के ट्रस्टी भी हैं।
आनंदीबेन के करीबी और पीएम के भरोसेमंद
पार्टी में ‘दादा’ नाम से मशहूर पटेल को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वस्त माना जाता है। 2017 विधानसभा चुनाव में आनंदीबेन की सिफारिश पर ही उनकी पारंपरिक सीट घाटलोडिया से उन्हें टिकट मिला था। यह सीट केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संसदीय क्षेत्र गांधीनगर के तहत आती है।
पटेल ने विधानसभा चुनाव में घाटलोडिया सीट से रिकॉर्ड 1.17 लाख वोट से जीत दर्ज की थी। उन्हें 1.75 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के शशिकांत पटेल को 57,902 वोट ही मिले थे।