NEW DELHI. राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने और साइट पर दोनों तरफ दीवार बनाने की मांग वाली हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर समुद्र में दोनों तरफ दीवार कैसे बनाई जा सकती है? इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि एक तरफ तो बनाई जा सकती है। कोर्ट ने कहा, राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका एक याचिका पहले से लंबित है तो फिर नई याचिका पर सुनवाई क्यों करें।
धनुषकोडि के पास समुद्र में दीवार बनाई जाए
सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड नाम की संस्था के अध्यक्ष अशोक पांडे ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में गुहार लगाई गई थी कि धनुषकोडि के पास समुद्र में रामसेतु के पास कुछ सौ मीटर तक और अगर संभव हो तो एक किलोमीटर तक दीवार बनाने का निर्देश दिया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो फिर इस याचिका पर क्यों सुनवाई की जाए। ऐसे में इस याचिका औचित्य नहीं है।
सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका कोर्ट में है लंबित
डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने कई साल पहले रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने के लिए याचिका दायर की गई थी। सुब्रमण्यम स्वामी कई बार सीजेआई से इस मामले की जल्द सुनवाई करने की मांग उठा चुके हैं। कई बार कोर्ट ने केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन अबतक केंद्र सरकार की ओर से कोई हलफनामा दायर नहीं किया गया है। ऐसे में अब याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी।
मोदी सरकार का मामले पर क्या रुख?
केंद्र की मोदी सरकार रामसेतु मामले पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और राम सेतु के बारे में कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलाशेगी।स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि रामसेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है, लिहाजा इसे न तोड़ा जाए। साथ ही रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए।
कहां से कहां तक है रामसेतु
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। राम सेतु, जिसे एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, कहा जाता है यह तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर मन्नार द्वीप के बीच स्थित है। याचिका में साइट पर एक दीवार के निर्माण के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई थी।