New Delhi. हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार (19 अक्टूबर) को संसद की एिथिक्स कमेटी के सामने हलफनामा पेश कर बड़ा खुलासा किया है। हलफनामे में दर्शन ने दावा कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेदाग छवि को धूमिल कर उन्हें शर्मसार करने के लिए तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद में अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी पर लगातार निशाना साधा था। यहां तक कि महुआ मोइत्रा ने उनसे संसद की अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड शेयर किया था ताकि मैं उनकी तरफ से सवाल पोस्ट कर सकूं। महुआ पर हीरानंदानी समूह से कई तरह के लाभ और उपहार लेकर संसद में अदाणी समूह को घेरते हुए पचास से अधिक सवाल पूछने का आरोप है। दूसरी ओर, हीरानंदानी के हलफनामे की प्रमाणिकता पर महुआ ने ही सवाल उठाए हैं। महुआ ने कहा, यह ना तो आधिकारिक लेटरहेड पर है और न ही नोटरीकृत है। मोइत्रा ने आरोप लगाया कि दर्शन हीरानंदानी को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है।
क्यों मोदी और अदाणी के खिलाफ रची गई साजिश!
रियल एस्टेट से लेकर एनर्जी सेक्टर में सक्रिय हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन ने स्वीकार किया कि राज्य के स्वामित्व वाली दिग्गज कंपनी इंडियन आयल कॉर्पोरेशन ने उनकी फर्म के बजाय अदाणी समूह की ओडिशा स्थित धामरा एलएनजी आयात सुविधा के साथ कारोबार शुरू किया> तब उन्होंने महुआ की संसदीय लागइन का इस्तेमाल कर गौतम अदाणी के खिलाफ अभियान छेड़ दिया।
मोइत्रा ने महंगी विलासिता की वस्तुएं लीं, विदेश यात्रा का खर्च वसूला
दर्शन ने दावा किया कि इस काम के लिए मोइत्रा ने 'लगातार मांगें कीं' जिसमें 'महंगी विलासिता की वस्तुएं', दिल्ली में उनके आधिकारिक तौर पर आवंटित बंगले के नवीनीकरण, देश-विदेश के विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के खर्च आदि शामिल हैं। हलफनामा सार्वजनिक होने के बाद दर्शन ने ‘एक्स’ पर अपना अकाउंट डिलीट कर दिया है।
भाजपा के सांसद ने खोली थी पोल, महुआ ने मानहानि का केस लगाया
मालूम हो, इस सप्ताह की शुरुआत में, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा के अलग हुए साथी और वकील जय अनंत देहाद्राई ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में सवाल उठाने के लिए हीरानंदानी से कई तरह के लाभ लिए। आरोप के जवाब में महुआ ने दोनों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस बीच, दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की आचार समिति के पास भेज दिया है।
हीरानंदानी की बंगाल समिट में हुई थी मोइत्रा से मुलाकात
हीरानंदानी ने कहा कि साल 2017 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में मोइत्रा से उनकी मुलाकात हुई थी। वे तब विधायक थीं। पिछले कुछ वर्षों में वे उनकी 'करीबी दोस्त' बन गईं। हीरानंदानी को मोइत्रा के जरिये विपक्ष दलों द्वार शासित राज्यों में कारोबार मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि महुआ बहुत महत्वाकांक्षी हैं और राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाना चाहती थीं।
'राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित होना चाहती थीं महुआ'
इससे पहले हीरानंदानी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया था और कहा था, वो राजनीति के बिजनेस में शामिल नहीं है, हालांकि गुरुवार को दर्शन हीरानंदानी ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा राष्ट्रीय स्तर पर जल्दी से अपना नाम बनाना चाहती थीं और उन्हें उनके दोस्तों और एडवाइजर्स ने सलाह दी कि फेमस होने का सबसे छोटा रास्ता पीएम नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करना है।
मोइत्रा ने तैयार किया कुछ सवालों का मसौदा
हीरानंदानी ने कहा, उन्हें आइओसी द्वारा अपनी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल की जगह धामरा को चुनने के बारे में पता था। इस जानकारी के आधार पर, मोइत्रा ने कुछ सवालों का मसौदा तैयार किया, जिनमें अदाणी समूह को निशाना बनाकर सरकार को शर्मिंदा करने की मंशा थी। उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें।
महुआ ने संसद का अपना लागिन और पासवर्ड दिया : हीरानंदानी
हीरानंदानी ने कहा कि मैं उनके इस प्रस्ताव पर तैयार हो गया। अदाणी समूह से संबंधित उनके द्वारा भेजे गए प्रश्नों के पहले सेट के लिए मिली प्रतिक्रिया से प्रसन्न होकर, उन्होंने कहा कि मोइत्रा ने उनसे अदाणी समूह पर अपने हमलों में उनका समर्थन जारी रखने का 'अनुरोध' किया। उन्होंने मुझे संसद का अपना लागिन और पासवर्ड भी दिया ताकि जरूरत पड़ने पर मैं सीधे उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकूं।
महुआ का आरोप : PMO ने दर्शन को दस्तखत को मजबूर किया
हीरानंदानी के इस दावे पर महुआ मोइत्रा ने हलफनामे की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए हैं। महुआ मोइत्रा ने एक्स पर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह आरोप व्हाइट पेपर पर हैं, ना कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत पत्र में लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, पत्र (शपथपत्र) का कंटेंट एक मजाक है। उन्होंने आगे दावा किया कि हलफनामा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा उन्हें निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने अपने पत्र में दावा किया, बीजेपी सरकार अडाणी मुद्दे पर किसी तरह मुझे चुप कराने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। मोइत्रा ने यह भी कहा कि दर्शन हीरानंदानी को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है।
'पीएमओ ने तैयार किया पत्र का ड्राफ्ट'
उन्होंने कहा, इतना धनी, सफल व्यवसायी, जिसकी हर मंत्री और पीएमओ तक सीधी पहुंच है, उसे पहली बार के विपक्षी सांसद द्वारा गिफ्ट देने और उसकी मांगों को पूरा करने के लिए क्यों मजबूर किया जाएगा? यह पूरी तरह से अतार्किक है और सिर्फ इस सच्चाई को पुख्ता करता है कि इस पत्र का मसौदा दर्शन हीरानंदानी ने नहीं, बल्कि पीएमओ ने तैयार किया है।